[ लहसुन की खेती कब और कैसें करें 2024 ] जानिए सबसे ज्यादा कहां होती है, उन्नत किस्में, मुख्य रोग, कमाई | Garlic Farming

Last Updated on February 17, 2024 by krishisahara

लहसुन की खेती pdf | लहसुन की वैरायटी | लहसुन की जैविक खेती | लहसुन के रोग | लहसुन उत्पादन | लहसुन बोने की मशीन | लहसुन की खेती में होने वाले प्रमुख रोंग | लहसुन मोटा करने की दवा | लहसुन की खेती से कमाई | लहसुन की बीज दर

भारतीय कृषि में लहसुन की खेती, मसालों के रूप में और साथ ही देश के किसानों को अच्छी आय/विदेशी आय में भी एक बड़ा हिस्सा रखती है| लहसुन प्रोटीन, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है| लहसुन का विकास/जन्म मध्य एशिया और दक्षिणी यूरोप को माना जाता है|

लहसुन-की-खेती

तो आइए जानते है, आज के समय लहसुन की सफल खेती और लहसुन जैविक की खेती की पूरी जानकारी

Contents

लहसुन की प्रमुख उन्नत वैराइटिया / किस्में – 

किसान भाइयों लहसुन की प्रमुख किस्मों के बारे में बात करें, तो यह आकार के आधार, वातावरण, मिट्टी, जलवायु आदि के आधार पर वैरायटी का चयन होता है|

किसान नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर अपने क्षेत्र में अच्छी विकसित होने वाली लहसुन की प्रमुख किस्मों की जानकारी लेकर या पता कर उचित किस्म से अच्छा उत्पादन ले सकते है| साथ ही देश में प्रमुख प्रचलित लहसुन की प्रजाति है जो निम्न है-

  • ऊटी लहसुन
  • देसी लहसुन
  • G-2 लहसुन
  • गोदावरी
  • भीमा ओमेरी
  • एग्रीफाउंड व्हाइट (यमुना सफेद, यमुना सफेद 2 और यमुना सफेद 3)
  • पार्वती (G-313)
  • Agrifound पार्वती -2 (G-408)
  • यमुना Safed-5 (G-189)
लहसुन-की-खेती

लहसुन की खेती की पूरी जानकारी?

इसकी उन्नत खेती के लिए एक सफल किसान को हर प्रकार की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी का ज्ञान होना जरूरी है – जैसे भूमि, जलवायु, तापमान, रोंग नियत्रण, सिंचाई, कटाई समय, व देश में उत्पादन और आयात एवं निर्यात जो निम्न है –

खेत की तैयारी कैसे करें –

चयनित खेत की भूमि को तैयार करने से पहले खेत में मिट्टी की जांच करा लें, प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दो से तीन ट्रॉली पकी हुई गोबर की खाद और आवश्यकता (मृदा परीक्षण) अनुसार खाद का प्रयोग करें| लहसुन की खेती के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरीके से गहरी जुताई करके तैयार कर लेना चाहिए| रोटावेटर की सहायता से खेत को अच्छी तरह से समतल करा लेना चाहिए|

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प्रति एकड़ लहसुन के बीज की आवश्यकता –

बीज में कितना लहसुन लगेगा यह बात लहसुन के आकार यानी लहसुन की कलियों का साइज छोटा है बड़ा है| मध्य में उनके अनुसार ही प्रति एकड़ बीज लगता है, लेकिन सामान्य औसतन देखा जाए तो लगभग 160 से 170 किलोग्राम प्रति एकड़ लहसुन की कलियों की आवश्यकता होती है|

लहसुन बीज उपचार –

किसान को बीज उपचार करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इसमें किसान को आगे बहुत सारी फसली बीमारियों से बच सकता है| तथा शुरुआत में एक समान बीजों का अंकुरण होता है, कोई भी बीज खराब नहीं होता है तथा लहसुन का पौधा अच्छी तरीके से ग्रोथ करता है| मुख्य रूप से लहसुन की खेती में जो सड़न या फंगस की जो समस्या होती है, वह देखने को नहीं मिलती है|

लहसुन-की-खेती-से-कमाई

लहसुन कौन से महीने में लगाते है?

उत्तम समय की बात करें, तो सितंबर से अक्टूबर के मध्य लहसुन की खेती कर सकते है | खेत जल्दी खाली हो जाता है, तो सितंबर के शुरुआत में ही और खेती में यदि पछेती फसल हो तो अक्टूबर के लास्ट में भी कर सकते है| लेकिन सितंबर से अक्टूबर के मध्य का समय बहुत ही उत्तम माना जाता है|

जलवायु और तापमान –

इसकी खेती करने के लिए वायुमंडल का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से अधिकतम 35 से 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान बहुत ही अनुकूल रहता है|

लहसुन के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?

किसान देश में किसी भी प्रकार की जीवाश्म युक्त मिट्टी में इसकी खेती कर सकते है, पर ध्यान रखें खेत में ज्यादा पानी का ठहराव ना हो और खेत की भूमि पथरीली यानी कि किनक्रीट युक्त ना हो, मृदा का पीएच मान की बात करें तो 5.5 से लेकर 7 pH मान वाली भूमि में लहसुन की खेती कर सकते है|

लहसुन की बुवाई कैसे करें –

आजकल दो तरीके से की जाती है एक तो खेतिहर मजदूरों द्वारा हाथों से लहसुन की कलियों को लगाना और दूसरा मशीनों के द्वारा लहसुन के बीज की बुवाई करना | बुवाई किसी भी तरीके से कर रहे है, पौधे से पौधे की दूरी यानी बीज से बीच की दूरी 3-4 इंच तथा लाइन से लाइन की दूरी 3-4 इंच दूरी पर लगाएं| यह दूरी का अंतराल बहुत ही अच्छा होता है, जिससे उत्पादन अधिक होता है तथा खेत में जगह भी खाली नहीं रहती है|

खरपतवार नियंत्रण और प्रमुख रोग –

किसान को लहसुन की खेती में कम से कम दो बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए | पहली खरपतवार नियंत्रण 30 से 35 दिन की फसल होने पर कर लेनी चाहिए| तथा दूसरी निराई गुड़ाई 50 से 55 दिनों की फसल होने पर खरपतवार का नियंत्रण कर लेना चाहिए| निराई गुड़ाई करने से लहसुन के कंद ठीक प्रकार से बनते है तथा अच्छी तरह के से ग्रोथ करते है|

लहसुन-की-खेती

लहसुन में कितने दिन बाद पानी देना चाहिए?

सिंचाई की बात करें, तो सिंचाई किसान को स्प्रिंकल फवारा विधि से ही करना चाहिए और आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करनी चाहिए| जैसे मिट्टी के हिसाब से औसतन 10 से 12 दिनों के अंतराल पर और सिंचाई में ज्यादा सिंचाई भी नहीं करनी चाहिए जिससे कि खेत में 2 से 3 घंटे पानी भरा रहे|

लहसुन कितने दिन में तैयार हो जाता है?

लहसुन की खेती का जीवन चक्र 4 महीनों का होता है | 4 महीनों के अंदर लहसुन की खेती बुवाई से लेकर पक कर तैयार हो जाती है| बाजार में बेचने के लायक यानी लगभग 120 दिन की फसल होती है | जनवरी-फरवरी महीने में लहसुन की कटाई कर लेनी चाहिए| लहसुन को खेत में हल्की धूप में सुखाकर भंडारण के लिए रख सकते है|

लहसुन में कौन सा फंगीसाइड डालें?

किसान भाई को अपनी फसल में सबसे पहले रोग की पहचान करनी चाहिए, उसके बाद उपचार, दवा, फंगीसाइट देना चाहिए |

लहसुन में बेंगनी धब्बा रोग

यह रोग मुख्य रूप से लहसुन की पत्तियों पर होता है, जो पत्तियों पर बेंगनी बिन्दु और इस धब्बे के चारों और सफेद घावों के रूप में फैलता है| यह रोग इस फसल में तेजी से फेलता है और पूरी फसल को खराब कर सकता है| इस रोग के रोकथाम के लिए किसान को Mancozeb दवा का 2.5 ग्राम/लीटर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए|

स्टेम्फिलियम ब्लाइट (लहसुन पीली पड़ने) रोंग

इस रोंग के लक्षण है की लहसुन की पत्तिया हल्की पीली धारिया के साथ नीचे की और लहसुन बल्ब में उतर जाती है| धीरे-धीरे यह रोंग लहसुन बल्ब को खराब कर देता है और बल्ब की फुलाव रोक देता है|

इस रोंग के रोकथाम के लिए Mancozeb की दवा 2.5 ग्राम/लीटर या Proloined/Iprodione 2.0 g/लीटर का छिड़काव कर लेना चाहिए|

लहसुन में फफूंदी रोंग

इस रोंग के कारण लहसुन की फसल पर पाउडर के जैसी सफेद फफूंदी छा जाती है| किसानो को इस रोंग से बचने के लिए 10 दिन के नियमित अंतराल में सल्फर कवकनाशी 2 ग्राम/लीटर पानी की दर से दावा का छिड़काव करें |

लहसुन-की-खेती

भारत में लहसुन की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है?

देश में लहसुन के उत्पादन में गुजरात सबसे शीर्ष स्थान पर है, साथ ही दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश आता है| देश कई वर्षों से लहसुन का बड़ा निर्यातक रहा है| देश का लहसुन कुवैत, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जांबिया, बहरीन, मॉरीशस, के साथ-साथ बांग्लादेश और श्रीलंका को भी बेचता रहा है|

भारत में लहसुन का उत्पादन?

भारत दुनिया में लहसुन के उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है, जो अपनी 2.02 लाख हेक्टेयर भूमि पर इसकी खेती करता है | भारत में सालाना 11.50 लाख टन लहसुन का उत्पादन होता है|

विश्व में लहसुन उत्पादक देश?

चीन विश्व में सबसे ज्यादा लहसुन का उत्पादन करता है, जो अपने देश की 8.50 लाख हेक्टेयर पर खेती करता है और सालाना 200 लाख टन लहसुन का उत्पादन करता है|
इनके साथ ही इन देशों में भी लहसुन की खेती की जाती है जो निम्न है – मिस्र, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील, स्पेन, इथियोपिया और ईरान, रूसी संघ, म्यांमार, बांग्लादेश, अर्जेंटीना, यूक्रेन, प्रमुख लहसुन का बाड़ी मात्रा में इसकी खेती और उत्पादन लेते है|

लहसुन की खेती pdf?

लहसुन की खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए PDF – डाउनलोड करें |

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