Last Updated on March 20, 2022 by krishisahara
हाल ही में आए आंकड़ों के अनुसार भारत के कृषि उत्पाद निर्यात में 23% तक की बढ़ोतरी देखी गई है | निर्यात का यह आंकड़ा मोदी सरकार का आत्मनिर्भर और आपदा में अवसर खोजने का उदाहरण को साबित किया है | कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार देश का कृषि निर्यात अप्रैल से जनवरी 2020-21 के दौरान 15974 मिलियन $ रहा था जबकि अप्रैल 2021 से 2021-22 जनवरी तक 19709 मिलियन डॉलर निर्यात का आंकड़ा रहा है, इसमे सब्सिडी भी शामिल है |
इस प्रकार इस में 23% तक की बढ़ोतरी की गई है | इस कृषि निर्यात में गेहूं की सर्वाधिक निर्यात मात्रा मे योगदान है |
विदेशी बाजारों में भारतीय खाद्यान्नों की बढ़ती मांग और अच्छी कीमत मिलने पर भारत सरकार ने नीतियों को किया सरल और दिया बढ़ावा | हाल ही में रूस-यूक्रेन के आपसी विवाद के चलते कई यूरोपीय देशों में खाद्यान्न आपूर्ति के मार्ग प्रभावित हुए है |
बता दे की रूस, यूक्रेन, अमेरिका बड़ी मात्रा में कृषि उत्पादों का निर्यात करते है, तो इस आपदा के बीच इनका निर्यात प्रभावित रहा और भारतीय कृषि निर्यात को सहारा और बढ़ावा मिला |
कृषि उत्पाद निर्यात मे सरकार का प्रयास –
इसी कड़ी में मोदी सरकार की विकासशील सोच आपदा में अवसर को बढ़ावा मिला | पिछले साल की तुलना मे देश इस बार अच्छा निर्यात किया है, इस बात को लेकर सरकार – किसानों को बधाई देते हुए देश की कृषि उत्पाद नीतियों में सुधार और प्रोत्साहन हेतु अच्छे काम किए और कृषि निर्यात के बढ़ावे को लेकर सरकार का प्रयास जारी है –
केंद्र सरकार और राज्य सरकारे किसानों को मजबूत करने के लिए कई प्रकार की सब्सिडी स्कीम, उन्नत किस्म के बीज, कृषि आधारित उद्योग, कृषि निर्यात पर जोर, किसान FPO, सिंचाई स्कीम, पशुपालन आदि को ध्यान में रखते हुए कई योजनाओं को प्रोत्साहन और मजबूत कर रही है | इसलिए किसान को सरकार के हर एक किसान योजनाओं के बारे में सजग और जागरूक रहना चाहिए जिससे किसान और सरकार की सोच को साकार किया जा सकता है |
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