Last Updated on January 30, 2024 by krishisahara
खजूर के बीज कैसे उगाए जाते हैं | छुहारे की खेती कैसे होती है | Chhuhara ka ped | khajoor ka ped | खजूर से छुहारा कैसे बनता है | खजूर और छुहारा में क्या अंतर है | Date Palm Farming in Hindi | खजूर के पौधे कहां से मिलेंगे | छुहारा का पेड़ कैसा होता है
भारतीय धरा पर छुहारा यानि खजूर फल की एक अलग ही पहचान है, यह देश के गर्म स्थानों पर फल-फूलने की प्रकृति रखता है| सालभर खाने-पीने से लेकर त्योहारिक सीजन कार्यो, औषधीय-दवाइयों, सर्दी के मौषम की अच्छी खुराक के रूप में काम आता है | छुहारा/खजूर मानव शरीर को कई प्रकार से लाभदायक है |
तो आइए जानते है, छुहारा की खेती कैसे होती है और इससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी –
छुहारा का पेड़ कैसा होता है ?
दिखने में नारियल के पेड़ के समान होता है, लेकिन आम तौर पर इसके फल आने के बाद ही पहचान कर सकते है | यह एक छुहारे का पेड़ ही है, नारियल के पेड़ की तुलना में खजूर के पेड़ की ऊँचाई कम होती है, जो 13-22 मीटर तक होती है | देश में ज्यादातर खजूर का पेड़ जो गरम क्षेत्रों, समुद्र के किनारे या रेतीले मैदानों में उगता/पाया जाता है | खजूर का पक्का हुआ फल और तना बहुत मिठा होता है |
छुहारा और खजूर में अंतर ?
स्वाद के हिसाब से देखें तो छुहारा और खजूर अलग-अलग होते है | खजूर/पिंट खजूर खाने में मुलायम और हल्के होते है, जबकि छुहारा पूर्ण सुखा और कम नमी वाला होता है |
छुहारा | खजूर |
यह फल का पूरी तरह सुखा रूप है, जो लगभग 1 साल तक खराब नहीं होता | | खजूर ज्यादा से ज्यादा 8 महीने तक ही ताजा रह पाता है | |
छुहारा मीठा कम और गुणकारी ज्यादा होता है | | खजूर में छुहारा के मुकाबले अधिक नमी और मीठा ज्यादा होता है | |
छुहारा में खजूर के मुकाबले दोगुनी कैलोरी/calories होती है | | कैलोरी/calories कम होती है | |
छुहारे को ज्यादातर सर्दियों में चाय/दूध के साथ और खुराक के रूप में खाया जाता है | | खजूर को बिना पेय के खाया जाता है | |
यह इस फल का सुखा और पूर्ण पका रूप है छुहारे में नमी 5% से भी कम होती है | | जबकि खजूर में ज्यादा नमी रहती है | |
छुहारा और खजूर एक ही पेड़ के फल के फल है, लेकिन तोड़ने का समय और कुछ अलग से तैयार किया जाता हैं |
खजूर का अग्रेजी नाम –
खजूर को इंग्लिश भाषा में – Date/डेट कहते है |
खजूर के पौधे कहां से मिलेंगे ?
मुख्य रूप से माना जाता है, की खजूर सऊदी अरबीय देशों का मूल पौधा है, इसलिए अच्छी किस्म/वैरायटी के लिए देश में ज्यादातर बाहरी देशों से इसकी पौध इंपोर्ट/मँगवाई जाती है| यदि कोई खजूर को बड़े स्तर पर खेती करना चाहता है, तो बड़ी नर्सरियों से अरब देशों से इंपोर्ट किया पौधा लगना उचित माना जाता है |
खजूर/छुहारा की खेती कैसे होती है ?
खेती मुख्यत: शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र जैसे दक्षिणी भारत के राज्य, रेगिस्तान के आसपास के इलाके | पौधे लगाने के समय 30 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत होती है, रेतीली खारी मिट्टी में कम सिंचाई पानी के साथ पेड़ लगाते है |
इसकी खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्रों के किसान भाई खजूर को खेती के रूप में अपनाकर अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे है |
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खजूर के फायदे ?
खजूर का नाम लेते ही मुंह में मिठास-सी घूमने लगती है | खजूर खाने में जितना मीठा होता हैं, उससे ज्यादा गुणकारी भी है –
- सर्दियों/जाड़ों के मौषम में खाने से शरीर को मजबूत और रोगप्रतिरोधी बनाता है |
- भरपूर विटामिन-A और बोरॉन, पोटैशियम और मिनरल्स भरपूर होने के कारण खून को गाढ़ा करने और हड्डियों को और मजबूत करने में मदद करता है |
भारत में खजूर की खेती कहाँ होती है ?
दुनिया का सबसे पुराना पेड़ माना जाता है – खजूर, खजूर उत्पादन/खेती सर्वोधिक सऊदी अरबीय देश, दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका के गर्म इलाकों में होती है |
भारत में बात करें तो मुख्यत: दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरला, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में खजूर की खेती की जाती है और अच्छा उत्पादन लिया जाता है |
खजूर कितने रुपए किलों है?
विदेशों से आयातित खजूर की कीमत 30 से 600 रुपये प्रति किलो वैराइटियों के अनुसार आता है | भारतीय लोकल बाजार में यह 150 से 2000 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकता है |
भारत में छुहारा कहां से आता है ?
छुहारा कहां से आता है- भारत देश को हर साल पाकिस्तान, सऊदी अरबीय देश, अरब और अफ्रीका, ईराकी छुहारे, खाड़ी देशों से खजूर का आयात करना पड़ता है |
खजूर के पौधे की कीमत ?
छोटे पौधों की कीमत की बात करें, तो 200 से 400 रुपये से शुरू होते है | बड़े पौधों जो विदेश से मँगवाते है, उन खजूर के पौधे की कीमत 2000 से 4000 रुपये प्रति पौधा तक होती है |
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