Last Updated on January 16, 2024 by krishisahara
काला जीरा की खेती से उत्तरी भारत के किसानों की बदल रही है जिंदगी, देश के ठंडे इलाकों मे अब हो सकेगा काला जीरा, काले जीरे को सबसे अच्छी क्वालिटी और महंगा बिकने के कारण, शाही जीरा के नाम से पहचान मिल रही है| किसान कर सकते है लाखों में कमाई, क्योंकि मूल्य गुणवत्ता और खुशबू के आधार पर तय होता है काला जीरा का रेट |
इस सुंदर लेख में आपको काला जीरा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी जैसें – काला जीरा कब बोया जाता है? काला जीरा की खेती कैसें करें? भारत में काले जीरे की खेती कहां की जाती है? बाजार और मंडी भाव क्या मिलते है –
काला जीरा क्या है?
काला जीरा की खेती की शुरुआत भोटिया जनजाति के लोगों द्वारा मानी जाती है | काला जीरा एक बहुगुणों वाला औषधिय पौधा, जिससे काला जीरा का मसाला प्राप्त किया जाता है| यह देखने में सामान्य जीरे से आकार में छोटा, रंग काला होता है इसका स्वाद हल्की सी कड़वाहट वाला होता है इस उपयोग खाने में महक और औषधीय रूप में किया जाता है, काला जीरा शुगर, डायबिटीज, चर्म रोग में बहुत ही लाभदायक होता है |
काला जीरा कब बोया जाता है?
हमारे भारत देश में काले जीरे की खेती ठंड के मौसम में उत्तम मानी जाती है, इसकी बुआई अक्टूबर से नवंबर के अंत तक की जाती है जीरे की खेती करने के लिए आपके क्षेत्र का अधिकतम तापमान 25 डिग्री से कम होना चाहिए |
काला जीरा की खेती कैसें करें?
- काले जीरे की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले आपने खेत को 2 से 3 बार अच्छे से जुताई कर लेनी है और फिर आपको अपने खेत को समतल कर लेना जिससे आपको सिंचाई में आसानी होगी |
- खेत को समतल करने के बाद आपको पक्की हुई सड़े गोबर की खाद डाल देना है |
- गोबर खाद डालने से मिट्टी को आवश्यक तत्वों में वृद्धि होती है |
- इसके बाद आपको छिड़काव विधि से बीज की बुआई कर लेनी है |
- वैराइटी/बीजों का चयन अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही चयन करें, बुआई के बाद आपको इसमें समय-समय पर सिंचाई और खरपतवार करना होगा |
काला जीरा का पौधा कैसा होता है?
काला जीरा के पौधे की ऊंचाई 30 से 50 सेंटीमीटर तक की होती है, इसके फलों को हाथ से तोड़ा जाता है इसके पौधे सामान्य जीरे की तरह ही होते है, फसल के पकाव के समय, जीरे की टहनियाँ काली पड़ने लग जाती है, उस समय काले जीरे की तुड़ाई शुरू कर देनी चाहिए |
काला जीरा का उपयोग क्या-क्या है?
- काला जीरा का उपयोग रसोई के मसाले, औषधीय और अन्य बीमारियों के इलाज में काम लिया जाता है |
- काला जीरा को पेट की बीमारियों जैसे कब्ज, भूख की कमी, एसिडिटी का इलाज किया जाता है |
- काले जीरे का तेल भी काफी उपयोगी और गुणकारी होने के कारण, औषधीय तेल के रूप मे काम लिया जाता है |
- महंगी शराब को सुंगधित बनाने के लिए भी काले जरे के तेल का उपयोग किया जाता है |
- मानव शरीर के मन और दिमाग को स्वस्थ और तेज/तीव्र करता है |
- काले जीरे का उपयोग आम के अचार में भी किया जाता है |
काले जीरे के फायदे?
- किसान इसकी खेती कर अन्य फसलों की तुलना में अच्छा लाभ कमा सकते है |
- हर साल विदेशों से होने वाले काले जीरे के आयात को बदलकर अच्छी रेट निर्यात कर सकते है |
- सेवन से काले जीरे शुगर, डायबिटीज पर नियंत्रण, बालो की देखभाल और वृद्धि में लाभ होता है |
- जीरा शरीर की पचान शक्ति को भी बढ़ाता है |
- काले जीरे से खून को साफ रहता है |
काले जीरा की खेती से कमाई/मुनाफा?
इस फसल की खेती करकें किसान अच्छी ये कमा सकता है, सामान्य परिस्थति में 6 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ उपज ले सकते है बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी देखने को मिलती है, ये जीरा बाजार में 2000रु/किलों के सामान्य भावों में बिकता है, इसलिए इसकी उन्नत और सावधानीपूर्वक खेती करकें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है |
भारत में काले जीरे की खेती कहां की जाती है?
काले जीरे की खेती सर्वोधिक कश्मीर और हिमाचल, श्रीनगर, पांपोर, पुलवामा के क्षेत्रों मे अब भरपूर मात्रा में की जाती है विदेशों मे काले जीरे की खेती की बात करें तो, पूर्वी यूरोप, मध्यपूर्व और पश्चिम एशिया में अच्छे रकबे में हर साल इसकी खेती की जाती है, और अंतराष्टीय स्तर पर निर्यात भी की जा रही है |
काली जीरा का बीज कहाँ मिलेगा?
काली जीरा का बीज आपको कृषि विज्ञान केंद्र, बीज भंडार या ऑनलाइन बाजार से खरीदकर भी मंगवा सकते है |
काला जीरा का भाव क्या चल रहा है?
आज के बाजार में काला जीरा की कीमत 1200 से लेकर 2000 रुपए प्रति किलोग्राम के आस-पास भावों में बिकता है |
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