[ लौंग की खेती कब और कैसे करें 2024 ] जानिए लौंग का पौधा कैसे उगाये, पौधा कहां मिलेगा | Clove Farming in India

Last Updated on February 11, 2024 by krishisahara

लौंग का पेड़ कैसे लगाएं | Clove farming in hindi | लॉन्ग कितने रुपए किलो है | लौंग का पौधा कैसे उगाये | लौंग का पौधा कहां मिलेगा | long ka paudha | लौंग का बीज कैसा होता है

लौंग की खेती भारत में अच्छी कमाई वाली खेती के रूप में जानी जाती है | लौंग एक प्रकार का उष्णकटिबंधीय जलवाऊ में उगने वाला मसाला प्रजाति का पुष्प कलिका है | लोंग का उपयोग भारतीय पकवानों व्यंजनों के स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | औषधि और अग्रेजी दवाइयों में भी इनकी देश-विदेश में भारी डिमांड रहती है | भारतीय किसान लोंग की उपयुक्त जलवायु में इसकी खेती करके, अच्छी आमदनी कमा सकते है |

लौंग-की-खेती-कब-और-कैसे-करें

लौंग एक प्रकार का पेड़ पर उत्पादित पुष्प फल होता है | जिसके पेड़ की उम्र लगभग 100 से 150 वर्ष तक होती है| लोंग का पेड़ 6 वर्ष के बाद में फल देने लग जाता है, इसकी खेती में मुख्य गरम तथा आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है | आपको इस लेख में लोंग की खेती के बारे सम्पूर्ण जानकारी देखने को मिलेगी –

Contents

मसाला लौंग का वैज्ञानिक नाम –

“Syzygium aromaticum”

लौंग की खेती की जानकारी –

इसकी मुख्यतः सदाबहार खेती होती है, लौंग के पेड़ सामान्यतः 5 मीटर से 8 मीटर ऊंचाई तक के होते है|

लौंग को बढ़ने में कितना समय लगता है –

लौंग के पेड़ की ग्रोथ बहुत ही धीमी गति से होती है और लौंग के पेड़ की उम्र लगभग 100 वर्ष से भी ऊपर होती है | लौंग के पेड़ के पत्ते भी हल्के सुगंधित होते है, जो बाजारों में बिकते है |

लौंग, पुष्प कलिकाओ के रूप में खिलते है तथा इनको फूलों के खिलने से पहले ही तोड़ लिया जाता है| लौंग की ताजी कलियां हरे लाल या हरे पीले रंग की लालिमा लिए हुए रहता है| इस अवस्था में लौंग कलिका को तोड़ लिया जाता है | 1 लौंग के पेड़ से औसतन 3 से 5 किलो लॉन्ग का फल लिया जा सकता है |

लौंग की खेती का समय है ?

इसके पौधे की रोपाई के लिए मानसून का इंतजार किया जाता है | पौधों को लगाने का समय मुख्यतः मई से जून के महीने में खेत में स्थापित किया जाते है| लौंग का पेड़ एक बार लगने पर बाद में समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए |

लौंग की खेती कब और कैसे करें –

लौंग का पौधा कहां मिलेगा ?

पौधा की व्यवस्था के लिए विश्वासपूर्ण नर्सरी से संपर्क करें या किसान खुद भी इसकी नर्सरी कर सकता है | लौंग का पौधा बहुत ही कम धीमी गति से बढ़ता है | इसका पौध तैयार होने में 6 से 7 साल तक लग जाते है| जब पौधा 4 फीट ऊंचाई का हो जाए तब इसे वर्षा के आरंभ होते ही खेतों में लगा दिया जाता है |

उपयुक्त मिट्टी और जलवायु –

भारत के उन क्षेत्रों में लौंग की खेती उपयुक्त जहां की जलवायु उष्ण कटिबंधीय तथा गर्म होती है | लॉन्ग के पेड़ के लिए उपयुक्त स्वास्थ्य और मजबूती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है |

लौंग का पौधा के विकास के लिए उपयुक्त 10 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित रहता है | इस पेड़ के वृद्धि की अवस्था में 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तक की तापमान की आवश्यकता होती है| इसकी खेती ठंडे और अधिक बारिश वाले स्थानों पर संभव नहीं है, लौंग के पेड़ को ठंड या सर्दी महसूस होते ही पेड़ सूखने लग जाता है |

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लौंग की उन्नत किस्में ?

  • लोंग के बीज की उन्नत किस्म के लिए नजदीकी कृषि विभाग से प्राप्त कर सकते है |
  • घरेलू तरीको से बीज का चयन, पेड़ से जितना जल्दी लॉन्ग बीज टूटा हुआ चाहिए, जिससे कि अंकुरित होने में समय ना लगे |
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लौंग की खेती

लौंग के बीज की बुवाई कैसे करें ?

हल्के अंकुरित बीज को तैयार की गई भूमि पर रखें और हल्का सा मिट्टी का बौछार करें बीज को मिट्टी में ढकने की आवश्यकता नहीं है | बुवाई के समय नमी आद्र होनी चाहिए हो सके तो बुवाई के बाद खेत में पॉलिथीन से कवर कर दें |

सिंचाई कैसे करें ?

किसान भाई को लौंग की खेती में शुरुआत के 4 से 5 साल तक सिंचाई की जरूरत होती है| इस समय लौंग की खेती में लगातार सिंचाई करते रहना चाहिए, जिससे भूमि में नमी बनी रहे| गर्मी के मौसम में मिट्टी में नमी के लिए सिंचाई करना बहुत जरूरी है |

लौंग की तूडाई कैसे करें ?

लौंग के पेड़ की पुष्प कालिकाएं खिलने की अवस्था में पुष्प खिलने से पहले ही तोड़ लिया जाता है | लौंग पुष्प कलिकाओ को बाद में इन्हें सुखा दिया जाता है, सुखाने के बाद इनका भार 40% तक ही बचता है| लौंग शुरुआत से पकने तक 50% तक सिकुड़ जाता है और पूर्ण पक लौंग हल्का भूरा या काला हो जाता है |

लौंग-की-खेती
लौंग की खेती

लौंग कितने रुपए किलो है ?

बात करें लौंग के मंडी भाव की तो की कीमत वैरायटी, रंग रूप पर भाव तय होता है, जो सामान्य ₹700 से 1000 रूपये के बीच होते है | लोकल बाजारों की बात करें तो 1000 से ₹1500 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे है |

लौंग के उपयोग और फायदे ?

  • लौंग का इस्तेमाल दवाईयाँ और पारंपरिक आयुर्वेदिक में एंटीसेप्टिक और एंटी-किण्वन गुणों के लिए किया जाता है |
  • इसका उपयोग मुह और दांतों में कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है | लौंग की क्रिया में सूक्ष्म जीव शामिल होते है, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया और कवक शामिल है इसमें एनाल्जेसिक या संवेदनाहारी गुण भी होते है |
  • इसके अतिरिक्त, यह पाचन संबंधी विकारों का इलाज करता है| जैसे कि पेट की अस्थीयो का दर्द, सूजन और पाचन क्रिया आदि |
  • यह एक एंटीसेप्टिक है, इसलिए इसे गले में खराश में भी इस्तेमाल किया जा सकता है |
  • लौंग का तेल व्यापक रूप से इसकी सुगंध के लिए और इसके एंटीसेप्टिक गुणों के कारण टूथपेस्ट, साबुन, डिटर्जेंट, क्रीम, इत्र, और माउथवॉश की तैयारी के लिए उपयोग किया जाता है |
  • इसके अलावा, इसके सुगंधित और परिरक्षक गुणों के कारण, इसका उपयोग मादक पेय, शीतल पेय के साथ-साथ मांस, स्वादिष्ट व्यंजनों और विभिन्न सॉस के लिए एक मसाला के रूप में किया जाता है |
  • इंडोनेशिया में, इसका उपयोग इंडोनेशियाई सिगरेट की तैयारी में किया जाता है जो तंबाकू, लौंग और पुदीने के मिश्रण से बनाई जाती है |

लौंग की खेती भारत में कहाँ-कहाँ होती है ?

  • भारत के लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य की सूची में तमिलनाडु कर्नाटक केरल आते है |
  • इसके अलावा भारत में लौंग की खेती की बात करें, तो साउथ भारत के साथ-साथ पश्चिमी घाट के पर्वत वाले इलाकों में की खेती सफलतापूर्वक की जाती है |
  • दक्षिणी भारत में सबसे ज्यादा अच्छी क्वालिटी और गुणवत्ता का लौंग की पैदावार होती है |

भारत में लौंग की सबसे बड़ी मंडी ?

बता दें कि भारत में मसाला लौंग की सबसे बड़ी मंडी नागरकोइल, तमिलनाडु राज्य में है | दक्षिण भारत की इस मंडी से देश-विदेश से व्यापार संपन होता है |

लौंग-की-खेती

लौंग की खेती कहां होती है?

भारत के लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य की सूची में तमिलनाडु कर्नाटक केरल आते है | दक्षिणी भारत में सबसे ज्यादा अच्छी क्वालिटी और गुणवत्ता का लॉन्ग की पैदावार होती है |

लौंग का पेड़ कितना लंबा होता है?

लौंग के पेड़ की ऊंचाई सामान्यतः 5 मीटर से 8 मीटर ऊंचाई तक होती हैं | लौंग के पेड़ की ग्रोथ बहुत ही धीमी गति से होती है और लौंग के पेड़ की उम्र लगभग 100 वर्ष से भी ऊपर होती है |

लौंग का पौधा कैसे होता है?

लौंग एक प्रकार का पेड़ पर उत्पादित पुष्प होता है | जिसके पेड़ की उम्र लगभग 100 से 150 वर्ष तक होती है, लोंग का पेड़ 6 वर्ष के बाद में फल देने लग जाता है |

लौंग कितने रुपए किलो है?

बात करें लौंग के मंडी भाव की तो की कीमत वैरायटी, रंग रूप पर भाव तय होता है, जो सामान्य ₹700 से 1000 रूपये के बीच होते है | लोकल बाजारों की बात करें तो 1000 से ₹1500 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे है |

लौंग की खेती कब और कैसे करें?

लॉन्ग का पौधा बहुत ही कम धीमी गति से बढ़ता है | इसका पौध तैयार होने में 6 से 7 साल तक लग जाते है | जब पौधा 4 फीट ऊंचाई का हो जाए, तब इसे वर्षा के आरंभ होते ही खेतों में लगा दिया जाता है |

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