Last Updated on February 5, 2024 by krishisahara
लाल चंदन के पेड़ का वैज्ञानिक नाम पटरोकार्पस सैंटालीनस है, यह एक सामान्य वृक्ष के समान ही है, पत्तियां लंबी, शाखाएं लटकती हुई होती है| चंदन मूल रूप से भारत में पाया गया था, इसका उत्पत्ति स्थान भारत ही है| यदि भारतीय किसान लाल चंदन की खेती करें तो, वह एक अच्छा मुनाफा कमा सकते है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चंदन की कीमत काफी अधिक है, एक टन चंदन की लकड़ी की कीमत 20 से 40 लाख रुपए के मध्य होती है| लाल चंदन की मांग भारतीय बाजार में भी काफी अधिक एव साल भर रहती है|
आपकी जानकारी के लिए बता दे, की भारत देश में दो प्रकार के चंदन की खेती की जाती है, एक सफेद चंदन और दूसरी लाल चंदन|
लाल चंदन का क्या है ?
चंदन की लकड़ी, जड़े और बीज, पत्तियों का बहूपयोगी और औषधीय महत्व है | चंदन की लकड़ी एक सुगंधित और प्राकृतिक पवित्र लकड़ी मानी जाती है | लाल चंदन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे की – सैंडरवुड, रेड सॉन्डर्स, अल्मुग, रेड सैंडर्स, रक्त चंदन, रगत चंदन, लाल चंदन आदि |
लाल चंदन का व्यावसायिक उपयोग मुख्य रूप से फर्नीचर, नक्काशी के लिए किया जाता है |
लाल चंदन की खेती कहां होती है ?
भारत देश में लाल चंदन की खेती मुख्य रूप से मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, आंध्रप्रदेश, दक्षिण भारत आदि राज्य इसकी खेती के लिए उपयुक्त माने जाते है | विदेशों में चंदन की खेती की बात करें तो, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और आदि देशों में की जाती है |
आपकी जानकारी के लिए बता दे, की लाल चंदन की खेती रेतीली और बर्फीली क्षेत्रों में संभव नही है, परंतु इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी, काली पहाड़ी अच्छी रहती है |
चन्दन की खेती का लाइसेंस ?
यदि आप भी चंदन की खेती करना चाहते है, तो आपको बता दे की, चंदन की खेती के लिए किसी भी लाइसेंस या सरकारी अनुमति की आवश्यकता नही होती है |
परंतु जब अपने खेतों से चंदन की पेड़ की कटाई के समय आपको वन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होता है, जो आपको विभाग की और से आसानी से मिल जाएगा, इसमें आपको कोई भी किसी भी प्रकार की समस्या नही आएगी |
लाल चन्दन की खेती की पूरी जानकारी –
- लाल चंदन की खेती आपको दोमट मिट्टी और काली पहाड़ीदार अच्छी जल निकास वाली मिट्टी में की जाती है|
- इसकी खेती लिए शुष्क गर्म जलवायु उपयुक्त होती है |
- चंदन की खेती लिए आपको पौधे अच्छी नर्सरी या घर पर पौध के रूप में तैयार कर लेना चाहिए |
- लाल चंदन की बुआई का उपयुक्त समय मई से जून है |
- पौधे को 10×10 फिट की दूरी पर लगाना चाहिए |
- लाल चंदन के पौधे को प्रथम दो वर्ष में खरपतवार मुक्त वातावरण में उगाना चाहिए |
- पौधे की रुपाई के तुरंत बाद आपको इसकी सिंचाई कर देनी है |
- इसके बाद आपको अगली सिंचाई मौसम के अनुसार 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई कर देनी है |
- प्रत्येक पेड़ 500 किलोग्राम लाल चंदन की 10 साल की उपज देता है |
लाल चंदन का पौधा कहाँ मिलता है?
लाल चंदन का ओरिजनल पौधा आपको भारत के पूर्वी घाट के दक्षिण भागों में पाया जाता है | इसके पेड़ तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में फैली शेशचलम पहाड़ियों पर भी पाए जाते है| यदि आप भी इसके पेड़-पौधे खरीदना है, आपको दक्षिणी भारत की टॉप नर्सरी में आसानी से मिल जाएगा |
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लाल चंदन के पेड़ के लिए जलवायु/मिट्टी ?
लाल चंदन मुख्य रूप से काली, लाल दोमट, काली पहाड़ी मिट्टी में उगता है, इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8 के मध्य होना चाहिए |
चंदन का पौधा जल जमाव तथा जल भराव को सहन नही सकता है, इसके लिए उचित जल निकास की व्यवस्था कर देनी है | चंदन के पौधे को भरपूर मात्रा में धूप मिलना चाहिए, यह 5 से 50 डिग्री तापमान के प्रति भी शाहनशील पेड़ है |
लाल चंदन का पौधा कैसे लगाया जाता है ?
- लाल चंदन की खेती के लिए सर्वप्रथम आपको गहरी जुताई करा लेनी है|
- अच्छी जुताई बाद 12×15 फिट की दूरी पर पौधा लगाने के लिए जगह को चिन्हित कर देना है फिर आपको चिन्हित जगह पर गड्डे तैयार कर लेना है, गड्डे को 2 फिट गहरा कर लेना है|
- गड्डे में कंपोस्ट खाद व रेती, जिप्सम, कीटनाशक दवा को मिक्स कर के डाल देना चाहिए |
- ध्यान रखे पौधे रुपाई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 12 फिट और लाइनों के बीच की दूरी 15 फिट होना चाहिए |
लाल चंदन की पहचान, कितने प्रकार की होती है ?
भारत में चंदन दो प्रकार के होते है – लाल चंदन और सफेद चंदन | अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है| लाल चंदन एक छोटा पेड़ है, जिसकी ऊंचाई लगभग 5 से 8 मीटर तक की होती है, यह गहरे लाल रंग का होता है |
यदि आप असली चंदन की पहचान करना चाहते है, तो आपको किसी भी ठोस जगह पर घिस कर देख लेना है| चंदन की सबसे अच्छी परख करने का सही तरीका है, इसे तब तक फर्श पर घिसे जब तक की ये पूरी तरह से गर्म न हो जाए, ऐसा करने पर इसमें से सुगंध खुशबू आती है, तब आपको पता चल जाएगा की वो चंदन असली ता नकली चंदन है |
लाल चंदन का पौधा Price ?
लाल चंदन का पौधा यदि आप खरीदना चाहते है, तो आपको यह नजदीकी प्राइवेट अथवा सरकारी नर्सरी में चंदन का पौधा आपको 150 से 300 रुपए के लगभग भावों में मिल जाएगा |
लाल चंदन का बीज कैसा होता है ?
लाल चंदन का बीज दिखने में गहरे लाल रंग का होता है, इसका आकार सोयाबीन के दाने/बीज के समान होता है | इसके बीज आपको बाजार में आसानी से मिल जाते है या फिर आप इसे चंदन के पेड़ से भी प्राप्त कर सकते है | पेड़ पर चंदन की फलियां आती है, उन फलियों में चंदन के बीज होते है, चंदन में बीज 3 वर्ष की आयु के बाद ही आता है |
लाल चंदन की कीमत प्रति किलो 2024 ?
यदि हम लाल चंदन की कीमत की बात करें तो, इसकी कीमत लगभग 5 हजार रुपए प्रति किलो इसकी कीमत होती है | अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लाल चंदन की मांग अधिक है, जिसके कारण से इसकी कीमत भी काफी अधिक है |
लाल चंदन का पेड़ कितने साल में तैयार होता है?
आठ साल में लाल चंदन का हार्टवुड बनना शुरू हो जाता है, लाल चंदन के रोपण के 12 से 15 वर्ष के बाद चंदन के पेड़ की कटाई के लिए तैयार हो जाते है | लाल चंदन के पेड़ को तैयार होने में औसत 10 से 15 वर्ष का समय लगता है|
Red Sandalwood Farming से लाभ/कमाई ?
- लाल चंदन की खेती करने से आप अच्छा-खासी कमाई कर सकते है |
- लाल चंदन की खेती के साथ आप अन्य फसल भी कर सकते है, जैसे की गेहूं, सोयाबीन, मक्का आदि फसल आप इसके साथ कर सकते है |
- भारतीय बाजारों में इसकी मांग काफी अच्छी है, जिसके कारण इसका भाव काफी अच्छा है |
- चंदन का उपयोग आप औषधीय के रूप में कर सकते है |
भारत में लाल चंदन का क्या रेट है?
हमारे भारत देश में लाल चंदन का रेट 5 से 7 हजार रुपए प्रति किलों है, इसका उपयोग धार्मिक कार्यो, दवा और औषधीय के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है |
बिना अनुमति, क्या लाल चंदन की लकड़ी उगाई जा सकती है?
कुछ वर्ष पूर्व चंदन की खेती प्रतिबंधित थी, किसान को सरकार से इसकी खेती के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी, परंतु अब सरकार इसकी अनुमति के साथ खेती के लिए 25 से 30 हजार रुपए तक का अनुदान भी दे रही है| यानी सरकार भी चंदन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहे है |
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