Last Updated on February 6, 2024 by krishisahara
शुरू से ही कृषि व्यवसाय के विकास का मुख्य स्तभ सिंचाई को ही माना गया है, बिना सिंचाई पानी के खेती करना असंभव है | सिंचाई आमतौर पर एक जल प्रवाह या धारा का उपयोग करके फसलों के भागों या पौधों के जड़ों तक पहुँचना है | भारत में जल की उपलब्धता को लेकर सिंचाई क्षेत्र, सिंचाई साधन, सिंचाई की तकनिके, कृषि भूमि के प्रकारों को बाटा गया है –
सिंचाई की परिभाषा क्या है ?
सिंचाई एक पेड़-पौधों, फसलों को सिंचित करने की प्रक्रिया है, जिसमें जल को विभिन्न तरीकों से फसलों और वनस्पतियों की वृद्धि तथा जल आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए उपयोग किया जाता है | सिंचाई के द्वारा, पानी बारिश या अन्य स्रोतों से इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे फसलों या वनस्पतियों को दिया जाता है |
वर्तमान में भारत में सिंचाई की स्थिति 2024 ?
वर्तमान में देश की सिंचाई व्यवस्था कई समस्याओं से ग्रसित है | भारत का अधिकांश कृषि क्षेत्रों की खेती में सिंचाई एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक बना हुआ है | भारत में कुछ क्षेत्रों में अधिक सिंचाई सुविधाएं हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में सिंचाई की अभाव होता है | इसके अलावा, सिंचाई से संबंधित व्यवस्थाओं को निर्माण, संचालन और सिंचाई साधनों में पूंजी/पैसों की कमी है|
सिंचाई की स्थिति भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग है, कुछ राज्यों में सिंचाई की सुविधाएं बेहतर होती हैं, जैसे कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि | दूसरी ओर, कुछ राज्यों में सिंचाई की स्थिति अधिक खराब होती है, जैसे कि छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि |
सिंचाई के आधार पर भारतीय कृषि का वर्गीकरण ?
भारतीय कृषि को सिंचाई के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में बाटकर देखा जा सकता है-
सिंचित खेती – जहाँ पानी के पर्याप्त स्त्रोत से जल संसाधनों का प्रयोग बेहतर तरीकों से किया जा सकता है, वहाँ सिंचित खेती की व्यवस्था मानी जाती है | सिंचित खेती में, जल संचय और जल संसाधनों का उपयोग कर उचित सिंचाई की व्यवस्था की जाती है | इन क्षेत्रों और सिंचाई क्षेत्रों में उपज पैदावार क्षमता और कृषि आय भी अधिक मानी जाती है |
बरान या वर्षा आधारित खेती – जहाँ बरसात के समय जल संचय और सिंचाई की व्यवस्था नहीं होती है, वहाँ बरान या वर्षा आधारित खेती की की श्रेणी में आती है | इसमें फसल की समय-समय पर सही मात्रा में जल प्राप्त कराने के लिए बरसात का समय ही होता है |
सूक्ष्म जल संरचनाएं – इसमें खेतों में बुनियादी तरीकों से जल संचय और सिंचाई के लिए सूक्ष्म जल संरचनाएं बनाई जाती हैं | इसमें खेतों में नाले, छोटे तालाब, गहरा भूमिगत जल स्रोत आदि |
भारत के सर्वाधिक सिंचित राज्य कौन से है?
भारत में सिंचाई के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से जल संसाधनों के संग्रहण एवं वितरण का प्रयास किया जाता है | भारत के कुछ राज्यों में सिंचाई के लिए उद्योग उत्पादन तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए बेहतर जल संसाधन होने के कारण वे अधिक सिंचित होते हैं |
2023 के लिए आँकड़ों के अनुसार, भारत के सर्वाधिक सिंचित राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा गुजरात, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक शामिल हैं |
दक्षिण भारत में सिंचाई का मुख्य स्रोत कौन सा है ?
दक्षिण भारत में सिंचाई का मुख्य स्रोत वर्षा और जलवायु है | दक्षिण भारत की अधिकांश क्षेत्रों में मानसूनी वर्षा अधिक होती है, जो सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण स्रोत मानी जाती है | विभिन्न राज्यों में वर्षा की मात्रा अलग-अलग होती है, जैसे की केरल और तमिलनाडु में सालाना वर्षा की मात्रा अधिक होती है | इसके अलावा दक्षिण भारत में तटीय क्षेत्रों में समुद्री पानी का उपयोग भी सिंचाई के लिए किया जाता है।
उत्तर भारत में सिंचाई का मुख्य स्रोत क्या है ?
उत्तर भारत में सिंचाई के लिए मुख्य जल स्रोत होते हैं – नदियाँ और बांध | उत्तर भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सुतलज, रावी, चेनब, झेलम, गोदावरी और कृष्णा जैसी कई बड़ी नदियां हैं, जो उच्च वर्षा मौसम में अपने तटों से बाहर निकलती हैं और खेतों को सिंचाई के लिए पानी प्रदान करती हैं |
उत्तर भारत में बांधों का उपयोग भी सिंचाई के लिए किया जाता है | भारत में कई बड़े-बड़े बांध जैसे भाखरा-नांगल बांध, हिरकुद बांध, राजसमंद बांध, भकरीबांगा बांध, टेहरी बांध और सारदा सहयोग बांध आदि हैं, जो सिंचाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण बने हुए हैं |
भारत में नहर द्वारा सिंचाई में कौन-सा राज्य अग्रणी है ?
भारत में नहर द्वारा सिंचाई के माध्यम से कृषि करने वाले राज्यों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश अग्रणी हैं |
पंजाब और हरियाणा नदी सतलुज, बेस, घग्गर, यमुना और चेंब्रा के साथ जुड़े हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और रामगंगा नदियों के बांधों से जल निकासित होता है, जो इस सिंचाई प्रणाली के महत्वपूर्ण स्रोत हैं |
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भारत में सिंचाई की बढ़ती मांग की पूर्ति कैसे की जा सकती है ?
भारत में सिंचाई की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे –
जल संरक्षण – आज क समय जल संरक्षण की जागरूकता को बढ़ाना बहुत जरूरी है | इसके लिए लोगों को जल संचय और जल संरक्षण के तरीकों के बारे में जागरूक करना चाहिए |
नए और सुधारित सिंचाई ढांचे – सरकार और स्थानीय कृषि व्यवस्था के प्रति सिंचाई के विकल्पों में वृद्धि और उनका सरक्षण करवाना चाहिए | नए और सुधारित सिंचाई ढांचे का निर्माण करना चाहिए, जिससे कि ज्यादा भूमि को सिंचाई करने में सक्षम हों |
सिंचाई तकनीकों का उपयोग – सिंचाई नई तकनीकों का उपयोग करके किसानों को बेहतर उत्पादकता और जल संरचना की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिल सकती है |
बिजली के साथ सिंचाई – बिजली के साथ सिंचाई के लिए पंप सेट इंस्टॉल करना चाहिए | ड्रिप सिंचाई, पॉली हाउस, फवारा विधि, रेन गन जैसे साधनों का प्रयोग कर सिंचाई व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है |
नदी और झीलों को बचाना – नदियों और झीलों को बचाने के लिए नदी तटों को और झीलों के आसपास के भूमि को संरक्षण, इनमें आने वाले पानी के स्रोतों को बनाए रखना चाहिए |
जल अभिलेख – जल अभिलेख का निर्माण करना चाहिए, ताकि सिंचाई प्रबंधन और सुधार किया जा सकता |
भारत में सबसे ज्यादा सिंचाई किससे होती है ?
भारत में सबसे ज्यादा सिंचाई तलाबों और बांधों से होती है | इनके अलावा भारत में बारिश के मौसम के दौरान वर्षा जल के संचयन एवं सिंचाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | जल संरचनाएं जैसे जलाशय, तालाब, बांध, नहरें आदि कृषि सिंचाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं |
नलकूप से सिंचाई सबसे ज्यादा कहाँ होती है ?
नलकूप से सिंचाई ज्यादातर भारत के रेगिस्तानी इलाकों में होती है, जहां जल स्तर कम होता है और भूमि शुष्क होती है | राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में नलकूप से सिंचाई की व्यवस्था की जाती है | नलकूप एक प्रकार का गहरा टूबवेल होता है, जो गहराई तक जा कर पानी को निकालता है | यह एक सस्ता और असरदार तरीका है, जिससे खेतों को सिंचाई किया जा सकता है |
भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है ?
यहाँ की आबादी और कृषि भूमि के आधार पर सिंचाई की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है | कृषि प्रधान देश होने के नाते, यहाँ लगभग 60% लोग कृषि और संबंधित श्रम में लगे हुए हैं | यहां खेती आधारित अर्थव्यवस्था होती है, जिससे लाखों लोग अपने रोजगार का साधन बनाते हैं |
भारत में वर्षा का मौसम अनिश्चित होता है और वर्षा के मौसम के दौरान बाढ़ और अन्य प्रकार की विपदाएं हो सकती हैं | इसलिए, सिंचाई एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो खेतों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करता है और खेती के उत्पादकता को बढ़ाता है | सिंचाई द्वारा किसान अपने फसलों को समय पर पानी दे सकते हैं, जिससे उनकी फसलों की वृद्धि होती है और उनकी आय बढ़ती है |
भारत में सिंचाई की सबसे लम्बी नहर का क्या नाम है?
पंजाब में हरिके बैराज से शुरू होने वाली – “इंदिरा गांधी नहर” को सबसे लंबी सिंचाई नहर माना गया है | इस नहर की कुल लंबाई 650 किलोमीटर है, जो राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर और श्रीगंगानगर जैसे सात जिलों से होकर गुजरती है |
भारत में सिंचाई परियोजना कौन-कौन सी चल रही है ?
सरकारों द्वारा भारत में सिंचाई व्यवस्था के विकास एव सवर्धन के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं | कुछ मुख्य सिंचाई परियोजनाओं के नाम हैं –
- प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना
- गंगा यमुना लिंक परियोजना
- राजस्थान कनाल प्रोजेक्ट
- कृषि उत्पादन अभिवृद्धि योजना
- गोदावरी मराठवाड़ा दम परियोजना
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सिंचाई परियोजना
- केदारनाथ देवभूमि खद नाल संयोजन परियोजना
- महानदी बासिन संगठन
- भगीरथि भागीरथि नहर परियोजना
- उत्तर प्रदेश समरस सिंचाई परियोजना
सबसे कम सिंचित क्षेत्र वाला राज्य कौन है?
भारत में सबसे कम सिंचित क्षेत्र वाला राज्य असम को माना गया है | इसके अलावा राजस्थान जैसे प्रदेश शामिल है |
भारत में कुल कितने प्रतिशत सिंचित क्षेत्र हैं?
भारत में कुल सिंचित क्षेत्र का अनुमानित रकबा 105 मिलियन हेक्टेयर है | इसके लगभग 48 प्रतिशत क्षेत्र की सिंचाई होती है | सिंचाई क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है और सिंचाई के उपयोग के लिए नए प्रौद्योगिकी विकास भी हो रहे हैं |
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