[ हल्दी की खेती कैसे होती है 2024 ] जानिए कमाई, उन्नत किस्में, उत्पादन, रोग, हल्दी का बीज कहां मिलेगा | Turmeric Farming in Hindi

Last Updated on February 24, 2024 by krishisahara

हल्दी की खेती कैसे करें | हल्दी की खेती से कमाई | हल्दी की खेती कितने दिन की होती है | हल्दी की खेती का समय | राजस्थान, उत्तर प्रदेश में हल्दी की खेती | हल्दी की खेती कहां होती है | हल्दी की खेती pdf | हल्दी के रोग

भारतीय खेती में मसाला फसलों में जानी-मानी फसल हल्दी की खेती– किसान हल्दी की खेती कर कमा सकते है अच्छा मुनाफा भारत, विश्व में हल्दी के उत्पादन में अग्रणी देश है, साथ ही हल्दी का बड़ा हिस्सा निर्यात कर अच्छी विदेशी मुद्रा भी कमाता है| हल्दी का उपयोग खाद्य सामग्री, पूजापाठ, दवा-कम्पनीया, सौंधरिय, शादी-ब्याह, औषधीय जैसे आदि कामों में किया जाता है|

हल्दी-की-खेती

बाजार में बढ़ती हल्दी की मांग किसानो को अच्छा मुनाफा दे रही है इसी तर्ज पर आइए जानते है हल्दी की उन्नत खेती कैसे करें पूरी जानकारी

हल्दी की उन्नत खेती कैसे करें पूरी जानकारी –

कृषि सुधार की और से आज हम बात करेंगे हल्दी की उन्नत खेती के बारे में हल्दी की फसल कैसे ली जाती है| हल्दी की खेती से उत्पादन मौसम-जलवायु, बीज, सिंचाई, देख-रेख के साथ किसान की मेहनत पर निर्भर होता है |

हल्दी की प्रमुख किस्में ?

देश में हल्दी की बहुत सारी वैरायटीयों का उत्पादन होता है, तो किसान भाई अपने क्षेत्र के वातावरण और प्रचलित किस्मों का चयन कर उन्नत खेती कर सकते है| हल्दी की निम्न वैरायटी जो निम्न है-

  • Selam सेलम
  • Rajapuri राजापुरी
  • पसुन्त कस्तूरी
  • Kadappa कडप्पा
  • Krushna कृष्णा
  • लकडोंग
  • अम्रुथापानी
  • अलेप्पी और मद्रासी
  • कोठापेटा
  • Pragati प्रगति
  • Fule Swarup फुल स्वरूप
  • दुग्गीराला
  • तेकुरपेट
  • मिदकुर
  • अरमुर
हल्दी-की-खेती

हल्दी की खेती का समय ?

हल्दी की खेती के लिए उत्तम समय की बात करें, तो 15 मई से लेकर 15 जून के बीच इसकी बुवाई कर सकते है, 15 जून या जुलाई के बाद लगाई गई हल्दी की फसल में कम पैदावार होती है तथा बीमारियों और ग्रोथ करने में बहुत दिक्कत होती है|

यह भी पढ़ें –

जलवायु और मिट्टी ?

तापमान की बात करें तो हल्दी की खेती के लिए 25 डिग्री सेंटीग्रेड से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तक उत्तम माना जाता है ठंडे इलाकों में हल्दी की खेती करना असंभव है| उपयुक्त मिट्टी की बात करें तो काली और हल्की दोमट मिट्टी एवं 5.5 से 6.5 pH मान वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है| भूमि की पानी पकड़ने की क्षमता भी होनी चाहिए हल्दी एक प्रकार से कंद वर्गीय फसल है जो भूमि में grow करती है और बाहर की और इसके पत्ते रहते है|

हल्दी की खेती में खाद उर्वरक कौन सा डालें ?

हल्दी की फसल लेने के लिए जुताई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद 5 से 6 ट्रॉली प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालना होता है ध्यान रखें हल्दी की खेती में जितना जैविक खाद का प्रयोग करोगे उतना ही ज्यादा प्रोडक्शन होता है वह भी बिना कोई नुकसान के |

रासायनिक तरीकों में खाद प्रति एकड़ – यूरिया 250 किलोग्राम, फास्फेट 300 किलोग्राम और 100 किलोग्राम पोटास खाद का प्रयोग कर सकते है रासायनिक खाद के प्रयोग से उत्पादन में दोगुना लाभ मिल सकता है|

हल्दी के बीज को उपचारित करने के लिए Mancozeb, Lesenta, Chlorpyriphos इनमें से कोई भी दवा का प्रयोग कर सकते है|

हल्दी-की-खेती

खेत की तैयारी ?

हल्दी की फसल लेने के लिए पहले खेत की दो या तीन बार प्लाहू या कल्टीवेटर की सहायता से अच्छी तरह से जुताई करवा ले प्लाहू से दो-तीन बार जुताई हो जाने के बाद लगभग 15 दिन के लिए खेत को धूप लगने के लिए खुला छोड़ देना है |

खेत की भूमि में अच्छी धूप लगने के बाद एक बार रोटावेटर की सहायता से खेत को समतल करवा लेना है| भूमि ज्यादा हल्का या भुरभुरा होगा उतना ही हल्दी का उत्पादन और भूमि में हल्दी का कंद बढ़ेगा |

हल्दी की बुआई बेड विधि के अनुसार ही करनी चाहिए, जिससे किसान की लागत और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी |

हल्दी की खेती

प्रति एकड़ बीज की मात्रा –

बात करें 1 एकड़ में हल्दी के बीज की मात्रा तो वह 800 से लेकर 900 किलोग्राम प्रति एकड़ हिसाब से लगाता है हल्दी के 2 सीड के बीच में दूरी 1 फीट और कतार से कतार की दूरी 1 फीट होनी चाहिए |

हल्दी की खेती मे प्रमुख रोंग ?

फसल में सबसे ज्यादा लगने वाला रोग है वह है- राइबोसोम फ्लाई (Rihzome Fly) यह रोग अक्टूबर के महीने में ज्यादा फैलता है|

  • White Grub Rog बारिश के दिनों में हल्दी की फसल के कंदों में कीड़ा टाइप में रोग लग जाता है| व्हाइट ग्रब कीड़ा हल्दी के कंद को खाने लग जाता है जिसमें फसल की उत्पादन में भारी कमी आती है| इस रोग के रोकथाम के लिए Chlorpyphos 1 ltr /ekd के हिसाब से दे सकते है|

भारत मे हल्दी की खेती और कमाई ?

भारत देश में हल्दी का उत्पादन बहुत ही अधिक मात्रा में लिया जाता है, दुनिया में सबसे ज्यादा हल्दी का उत्पादन भारत से ही लिया जाता है| देश मे हल्दी की फसल कुल 8 से 9 महीने तक की होती है यदि खेत किसान हल्दी की खेती उन्नत तरीके से करता है तो प्रति एकड़ 35 से 40 क्विंटल तक उत्पादन आ जाता है|

भारत में हल्दी का औसतन उत्पादन की बात करें तो 15 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ है| कमाई की बात करें तो भारत में औसतन हल्दी का ₹6000 प्रति क्विंटल भाव है और 30 क्विंटल उत्पादन के हिसाब से भी जुड़े तो ₹180000 प्रति एकड़ तक उत्पादन ले सकते है, इसमें खर्चे की बात करें तो प्रति एकड़ 45,000 से ₹50,000 होता है|

हल्दी का बीज कहां मिलता है?

किसी भी नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा या मसाला बीज प्रसंस्करण विभाग से संपर्क कर प्राप्त कर सकते है| पिछले कुछ सालों से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत देश के कई राज्यो में हल्दी के बीज मुफ़्त में बाटे गए थे |

हल्दी की खेती कहां होती है?

देश के आंध्र प्रदेश में सर्वोधिक हल्दी का उत्पादन लिया जाता है| भारत में उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार, मेघालय, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हल्दी का ज्यादा उत्पादन लेते है|
भारत में लगभग 9.50 लाख टन हल्दी की उपज ली जाती है जो दुनिया की 58% के बराबर है भारत हल्दी का शीर्ष निर्यातक के साथ अच्छी-खासी विदेशी आय भी प्राप्त करता है|

हल्दी की मंडी कहां पर है?

बाजार और मंडी के बारे में बात करें तो बड़े शहरों के आस-पास इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है| व्यापार की दृष्टि से देखे तो दक्षिणी भारत के आंध्रप्रदेश में इसका उत्पादन और मंडी बाजार ज्यादा है|

हल्दी की खेती कितने दिन की होती है?

हल्दी की फसल मुख्यतः जड़ो के कंद रूप में होत्ती है, किसान आज के समय कई उन्नत किस्म के बीज की हल्दी की खेती करते है जो, 200 से 280 दिनों में पककर तैयार हो जाती है अधिक जानकारी के लिए – हल्दी की खेती pdf

यह भी जरूर पढ़ें…

दुसरो को भेजे - link share

Leave a Comment

error: Content is protected !!