Last Updated on January 26, 2024 by krishisahara
गर्मियों में पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था में बाजरे की फसल सबसे अच्छी मानी जाती है | पिछले कुछ सालों से डेयरी व्यापार और पशुपालक किसान मार्च से लेकर जून-जुलाई तक हरे चारे के लिए चिड़िया/चरी बाजरा यानि चारे वाला बाजारी की बुवाई करते आ रहे है | चारे हेतु बाजरे की खेती फरवरी-मार्च से मई के महीनों में की जाती है | अच्छी उपज लेने के लिए अच्छी जुताई, खाद, सिंचाई, समय पर कटाई की व्यवस्था जरूरी मानी जाती है |
गर्मी में बाजरा की खेती क्या है ?
बाजरा एक खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसल है, लेकिन हरा चारा की फसल के रूप में गर्मियों में भी इसके उन्नत और विकसित बीजों को उपजाकर हरे चारे का उत्पादन लिया जाता है | डेयरी उद्धोग और पशुपालकों के लिए ग्रीष्म ऋतु में यह खेती करना बहुत जरूरी माना जाता है|
हरे चारे हेतु बाजरा की खेती के लिए गहरी जुताई और गोबर खादयुक्त उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है, जिससे एक ही सीजन में कई बार कटाई की जा सके |
बाजरे की ग्रीष्मकालीन खेती का उद्देश्य ?
बाजरे की ग्रीष्मकालीन खेती का मुख्य उद्देश्य होता है, दुधारू पशुओ के लिए हरे चारे की एक सरल और पोषणयुक्त हरी चारा फसल उगाना होता है | इस फसल हेतु बाजरे के चारा के लिए अनुमोदित किस्म के बीज की बुवाई की जाती है, जिससे प्रत्येक 10 से 12 दिन में हरे चरे के रूप में कटाई की जा सके |
ग्रीष्म ऋतु में शहरों के नजदीक के किसान हरे चारे वाले बाजरा बीज की खेती कर, हरे चारे के रूप में बिक्री कर अच्छी आय कमाते है |
इस खेती में कम लागत और कम सिंचाई, देखरेख से अच्छी पोषक तत्वों से युक्त हरी चारा फसल ले सकते है |
चारे हेतु बाजरा बोने का सही समय क्या है?
बाजरे की चारे की फसल को बोने का सही समय फसल के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है|
सामान्य रूप से, बाजरे की चारे हेतु बोने का सही समय अक्टूबर महीने के अंत या नवंबर महीने के शुरुआत होती है | फरवरी से जून तक हरे चारे की व्यवस्था के लिए, चारा बीज को बुवाई हेतु जनवरी या मार्च का महिना उपयुक्त माना गया है|
गर्मी में बाजरे की बुवाई हेतु खेत की तैयारी ?
गर्मियों में बाजरे की बुवाई हेतु खेत की तैयारी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इससे बाजरे के विकास पर बहुत सी बातें निर्भर करती है –
- बाजरे की हरे चारे हेतु बड़े खेत में फसल तैयार करने हेतु, 1 या 2 महीने पहले खेत को अच्छी जुताई कराकर तैयार कर लेना चाहिए |
- रबी फसल की कटाई बाद बाजरा बीज बोने के लिए, पुरानी फसल के अवशेष निकाल देना चाहिए |
- खेत में जुताई से पहले पक्की हुई जैविक खादों का प्रयोग कर, 2 से 3 गहरी जुताई करा लेनी चाहिए |
- बीज बुवाई के अनुसार खेत को समतल या क्यारी विधि से तैयार कर बीज बुवाई कर सकते है |
ग्रीष्मकालीन/ गर्मियों में कौन से बाजरा अच्छे होते हैं?
ग्रीष्मकालीन बाजरे की कई टॉप हाइब्रिड उन्नत किस्में होती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के लिए उत्तम मानी गई है | जिनमें कुछ टॉप हाइब्रिड उन्नत किस्में निम्न है –
नेपियर बाजरा बीज : – यह उन्नत चारा बीज, अच्छी सिंचाई व्यवस्था के साथ सर्वोधिक चारा उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है | अधिक कटाई, पोष्टिक चारा, उच्च उत्पादकता, मल्टीकट, ऊँचाई और गुणवत्ता की विशेषताएं होती है |
स्वाति चारा बाजरा बीज : – गर्मियों में अधिक उपज देने वाला बाजरी चारा, बार-बार कटाई वाली किस्म, हरे चारे का अच्छा स्वाद, बुवाई के लिए फरवरी और मार्च तथा मई से अगस्त का महिना उत्तम माना गया है |
Nutra गोल्ड बाजरा :- यह बीज भी चारे हेतु काफी अच्छा माना गया है, बेहतर उत्पादन और लंबे समय तक कच्ची फसल के रूप में कटाई ले सकते है |
Iagrifarm चारा बाजरा बीज : – बाजरे की ग्रीष्मकालीन खेती के लिए इस चारा बीज को भी काफी बोया जाता है, यह चारा बीज किसान भाई ऑनलाइन साइट से खरीद सकते है | बेहतर चारा उपज, मल्टीकट, सिचाई सुविधाओ के सहारे इसकी फसल ली जा सकती है |
बाजरे की ग्रीष्मकालीन खेती खाद एवं बीज की मात्रा ?
अच्छी मात्रा और पैदावार क्षमता के लिए मिट्टी में जैविक खाद-उर्वरकों का संतुलन होना बहुत जरूरी है | अधिकतर मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम की कमी होती है, जो उत्पादकता को कम कर सकती है| आमतौर पर, बाजरे की खेती के लिए उपयोग की जाने वाली खादों में नाइट्रोजन की मात्रा 40-60 किलो प्रति हेक्टेयर, फॉस्फोरस की मात्रा 30-40 किलो प्रति हेक्टेयर और पोटैशियम की मात्रा 20-30 किलो प्रति हेक्टेयर होती है |
जैविक खाद में वर्मी कंपोस्ट, गोबर खाद, हरी खाद आदि का उचित मात्रा में खेत तैयारी के समय डाल सकते है |
गर्मी में बाजरे की सिंचाई एवं देखरेख ?
गर्मियों में बाजरे की सिंचाई और देखभाल बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उन्नत विकास और अधिक उत्पादन के लिए आवश्यक होती है | निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण सिंचाई और देखभाल के टिप्स –
- यह फसल नियमित तौर पर सिंचित करने के लिए समय-समय पर पानी की आवश्यकता होती है | सामान्यतः बाजरे को 8-10 दिनों के अंतराल से सिंचाई की जानी चाहिए |
- सिंचाई के दौरान बाजरे को हल्की नियमित खाद देना चाहिए |
- बाजरे की खेती उचित रूप से देखभाल करने पर उन्नत फसल देती है, जिससे हम अधिक मात्रा में हरा चारा प्राप्त कर सकते है |
- खेत में दूसरी किस्म की अनावश्यक खरपतवार एवं कीटों से निपटने के लिए उपयुक प्रबंधन करना चाहिए |
- नियमित और समय पर बाजरा फसल की कटाई करते रहना चाहिए |
गर्मियों में बाजरा फसल की कटाई कैसें करें ?
बाजरे की ग्रीष्मकालीन फसल को कटने के लिए यह तरीके हो सकते है : –
- सही समय: बाजरे की हरे चारे की फसल को काटने के लिए सही समय अहम होता है |
- बुवाई से 22 से 28 दिनों की होने पर पहली कटाई शुरू कर सकते है |
- हरा चारा हेतु बाजरे की दूसरी और आगे की कटाइया प्रत्येक 12-15 दिन के अंतराल में करते रहना चाहिए |
- कटाई में देरी और जल्दी कटाई, फसल की कुल कटाई में कमी ला सकती है, इसलिए अच्छी सिंचाई एवं देखरेख करके अधिक कटाई ले सकते है |
बाजरा चारे के लिए अच्छा है?
हां, आज के समय बाजार में हरे चारे की खेती के लिए बाजरे की कई विकसित और उन्नत किस्में बाजार में उपलब्ध है, जो दुधारू पशुओ के लिए पौषणयुक्त मानी जाती है | गाय, भेस, घोड़ा, ऊट, भेड़, बकरी के लिए सबसे पौष्टिक चारा माना गया है |
चारे वाला बाजरा कितने दिन में हो जाता है?
अच्छे बीज और उपजाऊ खेतों से 25 से 30 दिनों में पहली कटाई ली जा सकती है | नियमित सिंचाई, उपजाऊ मिट्टी और अधिक जैविक खाद वाली फसल से प्रत्येक 10-12 दिन में कटाई तैयार हो सकती है |
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