Last Updated on February 9, 2024 by krishisahara
ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख फसल | ऑस्ट्रेलिया में प्रति एकड़ जमीन की औसत कीमत | ऑस्ट्रेलिया में खेती | खेती करने ऑस्ट्रेलिया कैसे जानें –
ऑस्ट्रेलिया देश का अधितकम भू भाग शुष्क प्रकृति वाला है | कृषि के क्षेत्र में यह देश प्रमुख कृषि उत्पादक और निर्यातको की श्रेणी में आता है | इस देश में कृषि आय के लिए डेयरी/दुग्धालय, मछलीपालन, मवेशी-पशु उत्पाद, उन, समुद्री शेवाल, खाद्यान फसलें, फल-फ्रूट्स आदि प्रमुख आय स्रोत है |
ऑस्ट्रेलिया में कुल कृषि योग्य भूमि का लगभग 80% भू-भाग बिना किसानों के खेतिहीन बना हुआ है | ऑस्ट्रेलिया सरकार खुद चाहती है कि वहां खाली पड़े उपजाऊ खेती वाले बड़े भू-भाग को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाए |
यहाँ पर दुसरे देशो के किसानों को खेती करने और भूमि खरीदने के लिए जमीनों की रजिस्ट्री कर रही है | आस्ट्रेलिया की कृषि दुनिया में प्रसिद्ध और वैश्विक बाजार में अपना विशेष योगदान देती है |
ऑस्ट्रेलिया में खेती कैसे होती है ?
देश की कम जनसँख्या और बढ़ा भूभाग होने के कारण यह के हर एक किसान के पास कई हेक्टेयर खेत हिस्से में आता है | यहाँ का किसान काफी धनी और समर्द्ध एवं खेती में उच्च तकनीकी मशीनों को काम में लेता है | खेतों की निगरानी, मशीनों को ओपरेट करने के लिए सैटेलाइट जैसी तकनीक को काम में लेते है, फसलों में दवाइया/कीटनाशकों का छिड़काव हवाई जहाज/ड्रोन से होता है |
यहाँ की कृषि भूमि को मुख्यत 3 प्रकार से काम में लेते है –
- डेयरी और बीफ उत्पादन
- फसल उत्पादन
- भेड़, बकरी, गाय, पशुओ को चराने हेतु |
दूध, फल-मेवा, उन, मुर्गी पालन, मेमना, फल फ्रूट्स, सब्जी उत्पादन आदि नगद आय का मुख्य स्रोत बना हुआ है |
ऑस्ट्रेलिया की मुख्य फसल कौन सी है?
यहाँ पर लगभग सभी प्रकार की फसलों की खेती करना सम्भव है, ज्यदातर गेहू, जौ, मक्का, ग्वार, चना, दलहन जैसी फसलों का अच्छा उत्पादन लिया जाता है |
फसलों का प्रकार | सर्वोधिक उपजाई जाने वाली फसल |
अनाज फसलें | गेहूं, जौ, चावल/धान, मक्का, चना/छोले, जई, ज्वार, रेपसीड, दाल, |
बागवानी फसलें | अंगूर, संतरा, अंगूर, केला, सेब, कीनू |
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सब्जी फसलें | टमाटर, आलू, मटर, गाजर, प्याज, तरबूज, |
नगदी फसलें | गन्ना, कपास, फूल की कई किस्मों की खेती | |
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ऑस्ट्रेलिया में खेती करने के लिए क्या करें ?
किसी भी देश का किसान आस्ट्रेलिया में जाकर अपनी खुद के लिए जमीन खरीद सकता है या किराये पर लेकर खेती कर सकता है | उदारण के तौर पर बात करेंगे भारत के कई किसान आज के समय आस्ट्रेलिया में खेती करके आज करोड़ो के मालिक बने हुए है |
पिछले 10 सालों में पंजाब और हरियाणा से तकरीबन 14 हजार किसानों ने ऑस्ट्रेलिया में कृषि भूमि खरीदी है | वहां भारतीय किसान शुरुआत में एकड़ में कॉन्ट्रैक्ट Farming करते है, बाद में मुनाफा बनाते हुए खुद के खेत खरीद कर खेती कर सकते है |
ऑस्ट्रेलिया में फल और सब्जी, गेहूं, दलहन जैसी फसलें उगाने के लिए भी बेहतर संभावनाएं मौजूद है | यहाँ के खेतो की मिट्टी काफी उपजाऊ होती है, किसान के पास 100 एकड़ कृषि भूमि होना आम बात होती है | भारतीय किसान यहाँ खेतों से अच्छी उपज लेकर उनका दुसरे देशों में एक्सपोर्ट करके अच्छी आय अर्जित करते है |
ऑस्ट्रेलिया में खेती के लिए कोर्स ?
भारत का पंजाब कृषि महाविधालय ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों में खेती के लिए समय-समय पर कोर्स करवाता है जहाँ जलवायु और तकनीक को लेकर सिखाया जाता है | ऑस्ट्रेलिया में होने वाली सभी प्रकार की फसलों और खेती के प्रकारों जैसे फ्लोरीकल्चर और होर्टिकल्चर फसलों की खेती के लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिये देती है |
उच्च तकनीकी वाली अत्याधुनिक मशीनों को चलाने, समझने के लिए पीएयू ऑस्ट्रेलिया के संस्थानों से मिलकर कोर्स सिखाते है |
ऑस्ट्रेलिया की कितनी प्रतिशत भूमि में खेती होती है ?
बता दे की ऑस्ट्रेलिया में कुल क्षेत्र का 61% में कृषि योग्य भूमि है, जिस पर वर्तमान में चारागाह और किसान खेती करते है, लेकिन इस भूमि का लगभग अभी भी 80 फीसदी एग्रीकल्चर लैंड काम में नही आ रही है| मानव श्रम और बिना किसान के यह खेती योग्य भूमि चारागाह के रूप में है, यहाँ की सरकार उन्नत सोच यहाँ दुसरे देशों के किसान के लिए खेती करने और खेती के लिए भूमि करने के लिए मौका देती है और कृषि से अपनी अच्छी आय कमा सके |
ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख फसल?
ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के लिए क्षेत्र और मूल्य के मामले में गेहूं सबसे बड़ा उत्पादन वाला अनाज है| अन्य प्रकार से कृषि आय में मांस उद्योग भी सबसे बड़ा कृषि व्यवसाय है | ब्राजील के बाद, ऑस्ट्रेलिया दूसरा सबसे बड़ा गोमांस निर्यातक देश है |
ऑस्ट्रेलिया में प्रति एकड़ जमीन की औसत कीमत?
किसी भी देश का किसान यहाँ खेती के लिए खुद का खेत खरीद सकता है – क्विन्सलैंड जैसे क्षेत्रों में खेती के लिए प्रति एकड़ 1 से 1.5 लाख रुपए की दर से बिक रही है | जमीन को खेती के लिए कभी इस्तेमाल नहीं किया गया, लेकिन यह बेहद उपजाऊ जमीन मानी जाती है |
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