Last Updated on February 23, 2024 by krishisahara
लैवेंडर की खेती से कमाई | lavender cultivation | लैवेंडर का पौधा | लैवेंडर की खेती कैसे की जाती है | lavender farming in india
भारत में खुशबूदार-मनमोहकदार औषधीय पौधों की खेती और बाजार में मांग लगातार बढ़ती जा रही है | इस बढ़ती बाजार मांग और अच्छा मुनाफा से देश के किसान नई तकनीकों को अपना कर सुगंधित पौधों की खेती व्यावसायिक स्तर पर करने लगे इसी और बात करेंगे, मुनाफे वाली लैवेंडर की खेती, इसके फूलों का रंग लाल और बेंगनी, काला, नीला जैसे अनेक रंगों में पाया जाता है |
Lavender का पौधा दो से तीन फिट की ऊंचाई में पाया जाता है | लैवेंडर फूल देने वाले पौधों में से एक अच्छी और प्रसिद्ध प्रजाति है| फ़ूलों के अलावा लैवेंडर की दूसरी प्रजातियों को तेल, इत्र व जड़ी-बूटी, दवा, के लिए उगाया जा है| दुनिया में लैवेंडर की खेती मुख्य रूप से भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में ज्यादा की जाती है |
लैवेंडर की खेती की सम्पूर्ण जानकारी –
लैवेंडर का पौधा एक बार लगाने के बाद कई सालो तक पैदावार देता रहता है | इसलिए फूलों की इस खेती को करने से पहले अच्छे ज्ञान, बाजार, अपने क्षेत्र की मिट्टी-जलवायु आदि को ध्यान में रखकर करें | लैवेंडर की व्यवसायिक खेती ठंडे मौसम वाले भूमध्य सागरीय क्षेत्र में की जाती है |
उपयुक्त मिट्टी –
लैवेंडर की खेती के लिए जीवाश्म युक्त मिट्टी के साथ उचित जल निकास वाली भूमि उत्तम होती है | lavender के पौधे की जड़े गहराई तक जाती है, इस कारण इसे पहाड़ी, मैदानी या रेतीली मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है| इसके पौधे की पत्तिया सकरी पाई जाती है, इसकी खेती के लिए भूमि का पी. एच. मान सामान्य (7 से 8) होना चाहिए |
लैवेंडर की खेती जलवायु और तापमान ?
लैवेंडर की खेती के लिए जलवायु और तापमान दोनों ही महत्वपूर्ण है | लैवेंडर को मुख्य रूप से भूमध्य सागरीय जलवायु का पौधा है, lavender ki kheti के विकास में ठन्डे मौसम की बहुत जरूरत होती है |
- इसके बीज और पौधो को शुरुआत के लिए 12 से 15 डिग्री तापमान उपयुक्त है |
- पौधों अच्छे से विकास करने के लिए 20-22 डिग्री के आसपास तापमान उपयुक्त है |
- लैवेंडर के पौधे अधिकतम 25-30 डिग्री के आसपास तापमान को सहन कर सकते है |
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लैवेंडर की उन्नत किस्में –
लैवेंडर की बहुत सारी उन्नतशील वैरायटी है, जिनका चुनाव पौधो की ऊंचाई और फूलों के रंग और तेल उत्पादन के आधार पर किया जाता है –
लैवेंडर की उन्नतशील वैरायटी के नाम | लैवेंडर की वैरायटी का विवरण |
हाइडकोट सुपीरियर | इन पौधों की ऊंचाई 40-45 सेंटीमीटर | इसके फूलों का रंग काला बैंगनी और नीला | इस किस्म के फूलों में तेल की मात्रा 0.8% पाई जाती है | तेल की मात्रा प्रति हैक्टेयर पैदावार से 50 किलो के आसपास | |
रोजा-लैवेंडर | पौधे की ऊंचाई 40 सेंटीमीटर तक | रोजा लैवेंडर के फूल गुलाबी रंग के पाए जाते हैं | तेल की मात्रा प्रति हैक्टेयर पैदावार से 40 से 50 किलो के आसपास | |
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लेडी लैवेंडर | पौधों की लंबाई 45 सेमी के आसपास | नीले रंग के फूल पाए जाते है | अधिकतर फूल उत्पादन में काम | |
भोर ए कश्मीर लैवेंडर | इनके पौधो की लंबाई दो फिट से ज्यादा पाई जाती है | पौधो पर नीले रंग के फूल | तेल की मात्रा औसतन 80 किलो के आसपास | |
मेलिसा लिलाक | औषधीय गुण ज्यादा पाए जाते है | मेलिसा लिलाक लैवेंडर की ऊंचाई 60 से 75 सेंटीमीटर | फूलों का रंग हल्का लाल | |
फोलगेट-लैवेंडर | फूलों का रंग नीला | तेल की मात्रा 60 किलोग्राम के आसपास | |
लैवेंडर- बिचवुड ब्लू | लैवेंडर के पौधे से दो फिट की ऊंचाई | प्रति हैक्टेयर फूलों का उत्पादन सबसे ज्यादा | तेल की मात्रा से अन्य से ज्यादा पाई जाती है | |
लैवेंडर खेती की तैयारी –
लैवेंडर का पौधा एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक पैदावार देता रहता है, इसीलिए खेत की शुरुआत में अच्छे से तैयारी की जानी चाहिए | हल्की क्षारिय भूमि में इसके पौधो में तेल की मात्रा अधिक पाई जाती है |
- लैवेंडर की खेती की तैयारी में खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेष को साफ या भूमि में दबा दे |
- lavender farming हेतु खेत तैयारी ग्रीष्मकाल यानि हल्की धूप वाले समय कर देनी चाहिए |
- खेत को मिट्टी पलटने वाले हल/कल्टीवेटर या हैरो की मदद से 3-4 गहरी जुताई करें |
- धूप लगने के लिए खेत को 2 सप्ताह के लिए खुला छोड़ दे |
- धूप लगने के बाद पक्की/पुरानी गोबर की खाद को खेत में डालकर अच्छे से मिट्टी में मिला दें |
- खाद मिट्टी में मिलाने के बाद खेत में पानी पलेवा कर, 2-3 दिनों बाद लैवेंडर के पौधो को खेत में लगा सकते है |
लैवेंडर के पौधे कहाँ मिलेगा/पौध नर्सरी तैयार कैसे करें ?
लैवेंडर की खेती, बीज और पौधो दोनों माध्यम से की जा सकती है, लेकिन नर्सरी के पौध लगाने से पैदावार जल्दी और अधिक मिलती है | बहुत सारे किसानों का सवाल है कि लेवेंडर का बीज कहां मिलेगा, कहां से खरीदें – उद्यानिकी विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके उच्च गुणवत्ता के पौधे और तकनीकी ज्ञान ले सकते है |
लेवेंडर के बीज खरीदने के लिए कृषि बाजारों या ऑनलाइन माध्यम से खरीद सकते है, जबकि पौध के लिए विश्वसनीय नर्सरी से खरीद सकते है –
- पौध नर्सरी में नवम्बर या दिसम्बर माह में तैयार कर सकते है |
- लैवेंडर की खेती हेतु बीज बुआई में अंकुरण 12 से 15 डिग्री के तापमान में ही होता है |
- नर्सरी से तैयार पौधे का उत्तम संवर्धन, विकास, गुणवता, को आसानी से सुधार कर तैयार किया जा सकता है |
लैवेंडर की खेती में सिंचाई ?
लैवेंडर यह एक प्रकार से फूलों खेती है इसलिए इसे सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है, लैवेंडर के पौधों को खेत में लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करें |
- खेत में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें |
- नियमित देखभाल, निराई-गुड़ाई के साथ-साथ पौधो में सिंचाई का भी विशेष ध्यान देना चाहिए |
लैवेंडर का प्रयोग कहा-कहा प्रयोग में आता है ?
- लैवेंडर के फूलों का इस्तेमाल सजावट से लेकर खाने तक किया जाता है |
- इसके फूलों का स्वाद मीठा और खुशबूदार होता है |
- लैवेंडर के पौधे में तेल की मात्रा अच्छी पाई जाती है, जिसका इस्तेमाल खाने के साथ-साथ साबुन, सौंदर्य प्रसाधन,इत्र व तेल, ताजेपन, सुगंध और स्वाद की चीजों को बनाने में किया जाता है |
- इसके अलावा इसके पौधे का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है |
- दुनिया में लैवेंडर के फूल अपने स्वाद व सुगंध के लिए जाने जाते है |
- बड़े पैमाने पर इसकी खेती इत्र व तेल के कन्फेक्शनरी उद्योग के लिए की जाती है |
- इसके सूखे फूलों की हर्बल चाय अपने ताजेपन, सुगंध और स्वाद के लिए जानी जाती है।
- दिल का ख्याल, पेट की बीमारियों, खूबसूरत बालों, दर्द से राहत, शरीर का तनाव/प्रेशर |
- लैवेंडर का प्रयोग चाय, कुकीज और मिठाइयो जैसी खाने की चीज़ो के साथ-साथ उत्सव, समारोह में सुनगंधित माहोल में भी किया जाता है |
लैवेंडर की खेती से कमाई ?
लैवेंडर का बाजार देखे तो किसानों के लिए बहुत तरीकों में आसानी से उपलब्ध है| लैवेंडर के फूलों और फसल से किसान भाई कई तरह से कमाई कर सकता है | इसके फूलों को बाजार में सजावट के रूप में बेचकर नगद मुनाफा, लैवेंडर का तेल बाजार में काफी महंगा बिकता है |
देश और विदेशों में लैवेंडर की खेती करने वाले किसानों को आसानी से 1.2-1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ मिल जाते है लैवेंडर से तेल निकाला जाता है |
लैवेंडर का बाजार कहाँ मिलेगा ?
लेवेंडर की फसल को किसान नजदीकी कृषि मंडी में जाकर खरीदारों से संपर्क कर सकता है| मंडी एजेंट या फूल बाजार मंडी, नजदीकी बड़े शहरों से संपर्क कर अच्छे दामों में बेच सकते है | ऑनलाइन माध्यम से भी अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, इंडियामार्ट जैसी ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से अपनी फसल को बेच सकता है |
दवाइयां, औषधीय उत्पाद बनाने वाली कंपनियों, एजेंसियों के कांटेक्ट फार्मिंग के जरिए लैवेंडर की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है |
लैवेंडर का पौधा कैसे लगाएं?
पौध नर्सरी में नवम्बर या दिसम्बर माह में तैयार कर सकते है | लैवेंडर की खेती हेतु बीज बुआई में अंकुरण 12 से 15 डिग्री के तापमान में ही होता है |
लैवेंडर के पौधे कहाँ मिलेगा?
बहुत सारे किसानों का मानना है कि लेवेंडर का बीज कहां मिलेगा, कहां से खरीदें- उद्यानिकी विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके उच्च गुणवत्ता के पौधे और तकनीकी ज्ञान ले सकते है |
लैवेंडर का पौधा कितने वर्षों तक चलता है?
लैवेंडर का पौधा एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक पैदावार देता रहता है | इसको एक बार लगाने के बाद लगभग 15 से 20 साल तक उत्पादन देता है |
लेवेंडर क्या है इसकी खेती कैसे करें?
लैवेंडर एक फूल देने वाला कीमती पौधा है इसलिए फूलों की इस खेती को करने से पहले अच्छे ज्ञान, बाजार, अपने क्षेत्र की मिट्टी-जलवायु आदि को ध्यान में रखकर करें |
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