Last Updated on February 16, 2024 by krishisahara
आम की खेती से कमाई | हाइब्रिड आम की खेती | Aam ke ped ki dawa | आम की किस्में | Mango Farming in Hindi | आम की खेती PDF | आम के पौधे कहां मिलेंगे | आम के पौधे में क्या डालना चाहिए | आम की वैज्ञानिक खेती
भारत में फलों का एक अपना अनोखा स्थान रहा है- उत्तम सुगंभीत, मीठा स्वाद और अच्छा आहार जो आसानी से उपलब्धता के आधार पर आम फलों का राजा कहलाता है| आम को स्वास्थ्य की नजर से देखे तो अनेक प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है, जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, रेसा, विटामिन-बी, विटामिन-सी, कैल्शियम, कोपर, मैग्नीज, आयरन, पोटाश, फास्फोरस, आदि पौष्टिकता से भरपूर तत्व पाए जाते है |
आज के समय आम का प्रयोग खाने, शरबत, कैंडी, आम पापड़, चटनी, अचार, जूस, बिना मौषम के खाद प्रदार्थ आदि बनाने में किया जाता, जिससे बाजार में भारी डिमांड मांग में रहता है |
देश के शीर्ष उत्पादक राज्य आम की सामान्य और सघन बागवानी करके अच्छा खासा लाभ कमा रहे है तथा देश के बाजारों में आम की आपूर्ति को पूरा कर रहे है | आइए जानते है आम की किस्में, आम की खेती से कमाई, आम की खेती कैसे करें, आम की खेती की सम्पूर्ण जानकारी –
आम की खेती की जानकारी –
आम के बागानों से किसान के जीवन में अब कुछ अलग ही महत्व है| कृषि विशेषज्ञों का मानना है, की जिन क्षेत्रों में आम की खेती लायक जलवायु है उन किसानों को सामान्य खेती के साथ-साथ आम के बगीचे भी लगा लेना चाहिए | आम की खेती से किसानों को आम भी खाने को मिल जाएंगे और कमाई भी अच्छे से की जा सकती है | अन्य फसलों के मुकाबले आम के बाग में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है |
आम की सघन बागवानी ?
देश में कम भूमि क्षेत्र वाले अधिकतर किसान आम की सघन बागवानी करना ज्यादा पसंद करते है | हम की सघन बागवानी में किसान को हमेशा देखरेख और देखभाल की ज्यादा आवश्यकता होती है और उत्पादन भी सामान्य आम की तुलना में 3 से 4 गुना होता है | सघन बागवानी विधि में आम्रपाली प्रजाति के पौधे को ज्यादातर लगाया जाता है | इस विधि में पौधों की दूरी सामान्य बगीचा की तुलना में बहुत कम रखी जाती है | बहुत से 3 मीटर के अंतराल में लगाया जाता है, जो एक हेक्टेयर में 1600 से अधिक आस-पास लगते है |
बढ़ती जनसंख्या और घटती जमीन में किसान के लिए सघन बागवानी एक आम की खेती का अच्छा विकल्प है | इस विधि से हाइब्रिड आम की खेती से दूसरे वर्ष से फसलें सकते है |
आवश्यक मौसम और जलवायु –
आम की उन्नत खेती के लिए ऐसा क्षेत्र जहाँ जून से सितंबर तक जहां अच्छी वर्षा होती है, वहां आम का अच्छा उत्पादन होता है | आम में फूल आने और फल सेट करने के समय शुष्क मौसम का होना आवश्यक है|
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हाइब्रिड आम की खेती मिट्टी की तैयारी –
आम की खेती के लिए जलभराव, कांकरीली, पथरीली भूमि के अलावा लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में Aam ki kheti कि जा सकती है| आम के पौधे की अच्छी वृद्धि एवं उत्तम फलन के लिए 6 से 9 pH मान वाली दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है |
आम कब बोए जाते है – मानसून की वर्षा आरंभ होने पर गड्ढों में 40 या 50 kg कंपोस्ट, 2 kg सिंगल सुपर फास्फेट, 10 kg म्युरेट ऑफ कोटा मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना है| मिट्टी भरते समय एक बात ध्यान रखें के गड्ढे वाली जगह भूमि की सतह से 15 से 20 सेमी ऊंचा रहे, ऐसा करने से पौधे के आस-पास जल जमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है |
पौधे लगाने से 2 दिन पहले क्लोरोपायरीफॉस नामक दवा से गड्ढे के ऊपरी भाग पर छिड़काव करें | गड्ढे के बीच में गड्ढा बनाकर मिट्टी सहित पौधे को गड्ढे में रख दें और समय-समय पर पौधे की देखभाल करते रहें |
आम की किस्में/आम की प्रजातियाँ ?
देश में बहुत सारी आम की प्रजातियाँ/किस्मे पाई जाती है जिनमे से केवल 25-30 किस्मो की ही व्यवसायिक स्तर पर खेती कर अच्छा उत्पादन ले रहे है| आम की कितनी प्रजातियां होती है –
आम की निम्न प्रजातियां :- |
मुंबई आम गुलाब खास जर्दालू, सबरी कृष्ण भोग लंगड़ा या मालदह सुंदर लंगड़ा जवाहर प्रभा शंकर महमूद बहार अल्फानसों केसर मालगोहा नीलम हिमसागर तोतापरी मीनाक्षी टॉमी पूसा-आम्रपाली पुसा-अरुणिमा मल्लिका बनारसी गोला अल्फाजली लक्ष्मण भोग मालदह आम्रपाली व चौसा इत्यादि आम की किस्में है | |
आम की खेती कैसे की जाती है ?
आम का बाग लगाने के लिए है चुने गए भूमि को अच्छी तरह से जुताई कर लेनी चाहिए भूमि को समतल और भुरभुरा बना ले खेत का चयन ऐसा करे की सभी पर वृक्षों को सूर्य की रोशनी मिलती रहनी चाहिए |
आम का पेड़ कौन से महीने में लगाएं – गड्ढे के खुदाई का कार्य मई महीने में आरंभ करें बड़े वृक्षों के लिए एक 1×1 मीटर और बोनि या मध्यम किस्मों के लिए आधे मीटर की लंबाई व चौड़ाई के आकार के गड्ढे खोदे जाते है | वृक्षरोपन मानसून के महीनो में लगाना चाहिए |
खुदाई के बाद गड्ढे को 1 या 2 सप्ताह तक गड्ढे को खुला छोड़ देना चाहिए जिससे मिट्टी के अधिकांश की व्याधियों और खरपतवारओं का नाश हो जाता है |
आम के पौधे में क्या डालें – बरसात का मौसम शुरू होने पर गड्ढों में 40 से 50 किलोग्राम कंपोस्ट 2 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट 10 किलोग्राम पोटाश मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर प्रत्येक गड्ढे में में भर देना चाहिए |
आम का पेड़ कितनी दूरी पर लगाना चाहिए ?
आम की उन्नत खेती और वैज्ञानिक खेती अनुसार आम के पेड़ों को लगाएं तो इसमें 10×10 मीटर के अंतराल में बगीचा में पौधों को लगाते है, जो लगभग एक हेक्टर में 100 पौधों के लगभग आता है |
आम के पेड़ में कौन सा खाद दिया जाता है?
पौधों में उचित वृद्धि और अच्छी पैदावार के लिए नियमित रूप से खाद और उर्वरक ओं का प्रयोग करना चाहिए| खाद के प्रयोग में सबसे पहले यह देखें कि ऐसे बाग जिसमें पत्ते हर वर्ष आते है | पेड़ों के नीचे गिरते रहते है वह इन पेड़ों के लिए पोषक आहार रहता है, जो बारिश के समय गलकर खाद उर्वरक का मुख्य काम करेगा |
वैसे किसान भाई आम के बड़े पेड़ों में अपनी भूमि और बाग में लगी किस्मो के अनुसार कृषि हेल्पलाइन या कृषि सलाहकार से बात करके खाद उर्वरक का प्रयोग करे |
आम में लगने वाले कीट का उपचार ?
कीट पतंगों का कैसे प्रबंधन किया जाए यदि किसान इसका समय पर ध्यान न देवे तो ये पूरे आम के बागों के फूल और फलों को खत्म कर सकते है | प्रारभी अवस्था में जब फूल के आने का समय होता है, इसका सबसे ज्यादा प्रकोप फैलने लगता है |
फरवरी मार्च – अप्रेल में इन कीटों के लार्वा और वयस्क दोनों फूल-छोटे फलों का रस चूस जाते है इसलिए विशेष ध्यान रखना है समय पर Aam ke ped ki dawa का प्रयोग करे इन कीटों का प्रभावी नियंत्रण इमिडाक्लोप्रिड से किया जा सकता है –
- पहला छिड़काव इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशी का 1ml मात्रा प्रति 3 लीटर पानी में घोलकर करना चाहिए |
- दूसरा और तीसरा छिड़काव रोगर 1 मी. ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर करें |
आम के पेड़ में पानी कब देना चाहिए?
आम के छोटे पौधों में सिंचाई नियमित रूप से 1 सप्ताह के अंदर मिट्टी की नमी को देखते हुए नियमित रूप से करनी चाहिए | आम के फल देने वाले बगीचों में सिंचाई आवश्यकतानुसार करनी चाहिए, किसान भाई ध्यान रखें कि आम के पेड़ पर फूल आने के बाद सिंचाई को रोक देनी चाहिए |
किसी भी प्रकार की खेती हो धान/चावल को छोड़कर किसी भी फसल में जलभराव की स्थति अच्छी नहीं मानी जाती है| इसलिए किसान भाई आम के पेड़ के नीचे घेरे बनाकर समय पर ही सिंचाई करें या ड्रिप सिंचाई सिस्टम का प्रयोग कर सकते है | फूल से पहले किसान भाई को एक सिंचाई जरूर करनी है |
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आम की खेती से कमाई ?
कमाई की बात करें तो यदि किसान सामान्य तरीके से 10 मीटर की दूरी पर आम का पेड़ लगते है और एक हेक्टेयर में 100 पेड़ आते है| मानो एक पेड़ यदि 100 से 150 किलोग्राम आम का फल दे सके और भाव 30 रुपये/किलो मिल जाता है, तो किसान प्रति हेक्टेयर 3.5 से 4.5 लाख प्रति वर्ष कमाई कर सकते है |
देश के आम उत्पादन में प्रथम राज्य ?
आम उत्पादन में प्रथम राज्य उत्तर प्रदेश है, जिसमे देश के कुल आम का 23.86% हिस्सा उत्पादित होता है| भारत से आमों का 59.22 हजार टन दुनिया के लगभग 40 से अधिक देशों को आम का निर्यात किया जाता है |
इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, उडीसा, महाराष्ट्र, और गुजरात में व्यापक स्तर पर की जाती है |
आम की खेती मे रखने योग्य प्रमुख सावधानीयां ?
- आम की ग्राफ्टिंग कब होती है तो इसके लिए यदि किसान सघन बागवानी करते है,, तो आम के पौधों की ग्राफ्टिंग अक्टूबर-नवंबर में की जाती है |
- इस खेती में किसान को फूल आने से लेकर फल बनने तक विशेष ध्यान रखना होता है |
- आम के बागों में फूल आने के समय से एक सप्ताह पहले बगीचे में फफूंद-नाशक, रस चूसक कीटों के प्रति एक दवा छिड़काव अवश्य करें |
- फूलों के आने से पहले आम के बागानों की साफ-सफाई रखे, पेड़ों के नीचे से खरपतवार को हटा देवे |
- फलों की तुड़ाई करते समय ध्यान रखें कि आम पर चोट या खरोंच ना लगे क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आम के भाव पर पड़ता है फलों को 1 सेमी डंठल के साथ तोड़े |
आम की कितनी प्रजातियां होती है?
देश में बहुत सारी आम की प्रजातिया/किस्मे पाई जाती है, जिनमे से केवल 25-30 किस्मो की ही व्यवसायिक स्तर पर खेती कर अच्छा उत्पादन ले रहे है |
आम का पेड़ कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?
आम की उन्नत खेती और वैज्ञानिक खेती अनुसार आम के पेड़ों को लगाएं तो इसमें 10×10 मीटर के अंतराल में बगीचा में पौधों को लगाते है जो लगभग एक हेक्टर में 100 पौधों के लगभग आता है| सघन बागवानी में आम का पेड़ 2.5-5 मीटर की दूरी में लगाया जाता है |
आम का पेड़ कितने दिन में फल देता है?
Aam ka paudha kab fal deta hai फल लगने के लगभग 12 से 16 सप्ताह बाद आम परिपक्व हो जाता है यानि की फूल आने के 70 से 120 दिन बाद फल देना शुरू कर देता है |
भारत में आमों की कितनी प्रजातियाँ पाई जाती है?
देश में आम की 25 से 30 किस्मों की व्यवसायिक स्तर पर खेती की जाती है |
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