Last Updated on November 7, 2024 by krishisahara
भारतीय किसानों को मिला रबी सीजन का तोहफा, केंद्र सरकार ने हाल ही में रबी सीजन की छः फसलों के लिए नए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2% से 7% तक की वृद्धि कर दी गई है| इस बार रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से बुवाई का रकबा बढ़ने के अनुमान रहेगा | किसान भाई अच्छी रेट और मुनाफेदार फसलों के आधार पर बुवाई अच्छी आय कमा सकते है |
कृपया आप इस लेख को अंत तक पूरा पढ़े, इसमें आपको रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2025-26 की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी, जैसे की – 2025 में गेहूं का MSP रेट क्या रहेगा ? इस बार समर्थन मूल्य को लेकर प्रमुख बड़े बदलाव ? नई सूची में इस बार कितने रुपयों की हुई वृद्धि हुई है-
Rabi Crops MSP 2025-26 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ?
क्र. म. | रबी फसल | समर्थन मूल्य नई सूची- रु/क्विंटल में |
1 . | मसूर | 6700/- |
2 . | जौ | 1980/- |
3 . | गेहूं | 2425/- |
4 . | रेपसीड( सफेद सरसों) और सरसों | 5950/- |
5 . | चना | 5650/- |
ट्रैक्टर लोन | हर्बल खेती के बारे में | ऑस्ट्रेलिया में खेती |
6 . | कुसुम | 5940/- |
न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होता है?
हर साल फसलों की बुवाई से पहले, भारत सरकार खरीफ और रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करती है | इस MSP रेट में फसल तैयार होने को लेकर सभी लागत की गणना की जाती है | सरकार की इस msp योजना से किसान को आपदा और बाजार कमजोरी के समय नुकशान से बचाती है | कृषि विभाग, जिस भाव में किसानों से सरकारी दरों पर फसलों की खरीदी करती है, उसे एमएसपी/MSP या न्यूनतम समर्थन मूल्य कहते है |
वर्तमान समय में भारत सरकार खरीफ और रबी फसल दोनों में 23 फसलों के लिए एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके, खरीदी करती है|
2025 में गेहूं का MSP रेट क्या रहेगा ?
केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2025-26 से पहले ही खरीफ फसलों की एमएसपी की नई सूची जारी की थी, इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है | इसी और इस बार फिर सरकार ने बढ़ा फैसला लेकर रबी की 6 फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को वृद्धि किया है |
वर्ष 2025 में गेहूं का एमएसपी रेट 2425 रहने वाला है, कुसुम का 5940, सरसों का 5950, मसूर 6700 रुपए, चना 5650 रुपए, जौ 1980 रुपए एमएसपी रेट रहने वाला है |
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इस बार समर्थन मूल्य को लेकर प्रमुख बड़े बदलाव ?
- केंद्र सरकार ने रबी फसल के मूल्य में 130 रुपए से 300 रुपए तक की वृद्धि की है|
- पिछले वर्ष से तुलना करे तो 2.4 से 7 % की वृद्धि की गई है|
- गेहूं के मूल्य में 6.59% की वृद्धि हुई है |
- जौ की msp में 7.03 % की वृद्धि हुई है |
- चना में 3.86% की वृद्धि हुई है |
- मसूर के समर्थन मूल्य में 4.28% की वृद्धि हुई है|
एक वर्ष में कितनी बार एमएसपी रेट तय किया जाता है ?
केंद्र सरकार की और से एमएसपी रेट का ऐलान कृषि लागत या मूल्य आयोग की सिफारिश पर प्रति वर्ष दो बार तय किया जाता है| पहला खरीफ फसल में और दूसरा रबी फसल में तय किया जाता है|
एमएसपी रेट बढ़ने पर किसान को अच्छा लाभ होता है, क्योंकि इससे किसान की फसल बहारी बाजार और मंडियों में अधिक भाव में बिक जाती है|
न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत फसलों की लागत में क्या-क्या जोड़ा गया ?
केंद्र सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करते हुए, बताया की भारतीय किसानों सभी फसलों पर उत्पादन लागत का 1.5 गुना दिया जा सके | सरकार ने फसलों की उत्पादन लागत में श्रम, बीज, अर्वरक, खाद, सिंचाई, उपकरणों, पूंजी का ब्याज, डीजल, बिजली पारिवारिक श्रम का खर्च आदि को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत फसलों की लागत में जोड़ा गया है |
चना का समर्थन मूल्य 2025-26 ?
चना का समर्थन मूल्य 2025-26 में 5,650 रुपए है, पहले की तुलना में 210 रु प्रति क्विंटल में बढ़ाते हुए, 3.86% तक की वृद्धि की गई है|
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य कितना है?
2025 में सरकार किसानों से गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपए में सरकारी खरीदी करेंगी | यदि हम पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष से करें, तो इस बार गेहूं की एमएसपी में 6.59% तक की वृद्धि हुई है |
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