[ रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव 2024 ] जानिए रासायनिक खाद के लाभ और हानि | Chemical Farming in India

Last Updated on February 21, 2024 by krishisahara

देश के किसान आधुनिकता की दौड़ में रासायनिक खेती में ले रहे है, बढ़-चढ़ कर हिस्सा | सरकार की नीतियों (खाद सब्सिडी) और रासायनिक खाद निर्माता कंपनियों की चाल में किसान फसता जा रहा है | महंगे बीज, मिट्टी को नष्ट और जीवन के लिए खतरो के साथ इस प्रकार की जहरीली खादों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है |

रासायनिक-खेती

देश में अब वो समय आ गया है, जिसमें खेती में लागत ज्यादा और उत्पादन कम, इसका सबसे अधिक असर देश के किसानों पर पड़ा है जो आप देख रहे हो |

कृषि क्षेत्र में रासायनिक खेती, मानव स्वास्थ्य और किसान परिवार को बहुत गराइयों तक ले गई | अगर भविष्य में ऐसी रासायनिक खेती चलती रही तो देश में, विदेशी खाद्यान (अनाज) सस्ते पड़ेंगे | वैसे हाल ही में सरकार ने डेयरी उत्पाद बाहर से मँगवाने का समझोंते किया है |

देश में खाद उत्पादन और उपयोग संबधित आकड़े ?

  • प्रति वर्ष 121.10 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खादों का निर्माण होता है |
  • भारत में आज लगभग 57 उद्धोग बड़े, 99 मध्यम और 65 छोटे स्तर के उद्धोग इस प्रकार की रासायनिक जहरीली खादों का उत्पादन करते है |
  • भारत रासायनिक खाद के उत्पादन में विश्व में तीसरे स्थान पर है |
  • विश्व के बाजार में भारतीय रासायनिक खाद का विस्तार 25% फेला हुआ है |
  • केन्द्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार सन् 1950-51 में भारतीय किसान मात्र 7 लाख टन रासायनिक खाद का इस्तेमाल करता था, जो बढ़कर अब 240 लाख टन हो गया है |
  • भारत में सर्वोधिक पंजाब में रासायनिक खाद का प्रयोग किया जाता है |

रासायनिक खाद के नुकसान और दुष्परिणाम ?

  • रासायनिक खादों के प्रयोग से मिट्टी जहरीली और जमीन बंजर हो रही है |
  • जमीन में स्थित सूक्ष्म जीव जो मिट्टी को नरम और उपजाऊ बनाते है वह मर जाते है |
  • Chemical Fertilizers से भूमि धीरे-धीरे कठोर हो जाती है |
  • कीटनाशकों के प्रयोग से इनका जहर मिट्टी से पौधों की और से अनाज एव फल-सब्जियों में पहुचकर इनको जहरीला बना देता है |
  • किसानों को सामान्य सिचाई की तुलना में 3-4 बार अधिक फसलों को पानी देना पड़ता है |
  • बढ़ते जहरीली खादों के प्रयोग से खाद्य सामग्रियों के साथ-साथ नदी, तालबों और भूमिगत जल भी धीरे-धीरे प्रदूषित हो रहा है |

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  • रासायनिक खेती के अधिक उपयोग के कारण पर्यावरण में भारी असंतुलन उत्पन्न हो रहा है |
  • खाद के जहरीले घटक मानव के शरीर में पानी, वायु, अनाज, सब्जियों आदि के द्वारा पहुचकर, कई खतरनाक घातक बीमारियों के जन्म देता है |
  • देश मे भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण में रासायनिक खादों का बहुत बड़ा रोल है |
  • आज देश में किसान की कम उत्पादन क्षमता का का मुख्य कारण किसान स्वमं जानता है |
  • ये खाद पानी में जल्दी घुलनशील होती है, जो पौधों को पूरी तरह लाभ नहीं दी |
  • किसानों को सामान्य खेती की तुलना में इसमें ज्यादा खर्चा होता है |
  • किसान को एक बार खाद डालता है, तो दूसरी फसल में और ज्यादा खाद डालनी पड़ती है |

रासायनिक खेती के प्रमुख फायदे ?

  • यह खाद पौधों और फसलों पर तुरंत प्रभाव से काम करती है |
  • रासायनिक खाद के प्रयोग से खेत के उत्पादन और लागत की भविष्यवाणी एवं विश्वसनीयता बढ़ती है |
  • प्रकर्तिक खाद की तुलना में यह खाद अलग-अलग फसलों में अलग-अलग मिलती है |
  • नाइट्रोजन, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा, जिप्सम और तांबा आदि को आवश्यकता अनुसार पूर्ति कर सकते है |
  • बात करें तो इस खाद के केवल और केवल नुकसान ही है, कोई फायदा नहीं है किसान और मानव के लिए |

रासायनिक उर्वरक क्या होता है?

मानव द्वारा कृत्रिम तरीकों से तैयार किया जाने वाला उर्वरक एक प्रकार से रासायनिक उत्पाद है | देश की खेती-बाड़ी में फसलों के अच्छे विकास और प्रवर्द्धन हेतु इस्तेमाल किए जाते है, उन्हे रासायनिक खाद कहते है |

जैविक खेती और रासायनिक खेती में क्या अंतर है?

महंगे बीज, मिट्टी को नष्ट और जीवन के लिए खतरो के साथ इस प्रकार की जहरीली खादों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है | देश में अब वो समय आ गया है जिसमे खेती में लागत ज्यादा और उत्पादन कम, जबकि जैविक खेती इसके विपरीत है |

रासायनिक उर्वरकों का उपयोग क्यों हानिकारक है?

1. रासायनिक खादों के प्रयोग से मिट्टी जहरीली और जमीन बंजर हो रही है |
2. जमीन में स्थित सूक्ष्म जीव जो मिट्टी को नरम और उपजाऊ बनाते है वह मर जाते है |
3. Chemical fertilizers से भूमि धीरे-धीरे कठोर हो जाती है | कीटनाशकों के प्रयोग से इनका जहर मिट्टी से पौधों की और से अनाज एव फल-सब्जियों में पहुचकर इनको जहरीला बना देता है |
4. किसानों को सामान्य सिचाई की तुलना में 3-4 बार अधिक फसलों को पानी देना पड़ता है |

रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग को बढ़ावा देने का क्या कारण था?

हरित क्रांति के समय से लेकर अभी तक उर्वरकों व कीटनाशकों के रोकने का नाम नहीं है, सरकार की नीतियों (खाद सब्सिडी) और रासायनिक खाद निर्माता कंपनियों की चाल में किसान फसता जा रहा है |

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