भारत में ग्वार की सर्वोधिक खेती - राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश में की जाती है| 

इसलिए सही बीजों का चयन करना बहुत जरुरी है -

शक्ति -1 हाइब्रिड ग्वार -

शक्ति एग्रो टेक कम्पनी द्वारा ग्वार का यह प्रमाणित बीज अनेक शाखाओ वाला होता है | ग्वार गम की मात्रा भी काफी अच्छी होती है| रोगों के प्रति काफी सहनशील किस्म है |

टाइगर ग्वार सीड्स

इस किस्म के दाने गोल चमक और वजनदार होते है| जड़ गलन, झुलसा, ब्लाईट जैसे रोगों के प्रति उच्च सहनशील किस्म है| लम्बी अवधि के साथ पकती है

आर जी सी -1003

जल्दी से पकने वाली किस्म की श्रेणी में आता है| ब्लाईट, जड़ गलन रोग के प्रति उच्च सहनशील, जिसकी प्रति हेक्टेयर 15-18 क्विंटल पैदावार ली जा सकती है |

तुलसी ग्वार बीज

इस को सिंचित और असिंचित दोनों परिस्थतियों में लगा सकते है| फसल को पकने में 80 से 90 दिन का समय लगता है, 6 से 8 क्विंटल/एकड़ तक उत्पादन होता है |

लीडर जयनित सीड्स

फलिया पौधे के निचे से लेकर ऊपर तक लगती है | इस किस्म के पकने की अवधि 75 से 90 दिन की होती है| उत्पादन की बात करें, तो 5 से 7 क्विंटल/एकड़ देखा जाता है |

गोपी ग्वार सीड्स

यह ग्वार बीज खरीफ फसल में सिंचित और असिंचित अवस्था में बुवाई कर सकता है| गोपी ग्वार बीज का प्रति एकड़ पैदावार 5 से 7 क्विंटल/एकड़ लिया जा सकता है |

सुपर एक्स -7

इसका औसतन उत्पादन 6 से 8 क्विंटल/एकड़ देखा जा सकता है| यह बीज किस्म ब्लाईट, जड़ गलन जैसें रोग के प्रति सहनशील होती है |

जानिए - इस बार खरीफ सीजन में किसान भाइयो ग्वार की सबसे अच्छी किस्म कौन सी रहेगी आपके लिए -

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