[ पीला मोजेक रोग क्या है 2024 ] जानिए दलहनी फसलों में कैसे फैलता है, मोज़ेक वायरस को कैसे रोकें | Yellow mosaic virus

Last Updated on February 18, 2024 by krishisahara

मोज़ेक वायरस कैसे फैलता है | मोज़ेक वायरस को कैसे रोकें | तम्बाकू का मोजेक रोग | मोजेक रोग किस पौधे में होता है | मूंग में पीला मोजेक रोग | पीला मोजेक की दवा | उड़द में लगने वाले रोग

यह रोग दलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है, जो सामान्यतः दलहन फसलों में लगता है| उड़द, सोयाबीन, मूंग, आदि प्रकार के दलहन फसलों में काफी तेजी से फैलता है | इसे पीला चितेरी फ़सली रोग भी कहते है, इस रोग से अधिक प्रभावित होने पर पूरे खेत की फसल को दो सप्ताह में सुखा देता है –

मोज़ेक-वायरस-को-कैसे-रोकें

पीला मोजेक रोग समान्यतः सफेद मक्खी के कारण फैलता है, जो पौधे को अंतत है सुखा कर खत्म कर देता है | बिना निवारण से, किसानों को इस फसल बीमारी के प्रभाव से काफी ज्यादा नुकसान भुगतना पड़ सकता है |

पीला मोजेक रोग के फसलों में लक्षण ?

  • इस रोग के कारण फसल के शुरुआत में पत्तों पर हल्के पीले बिखरे हुए धब्बे दिखाई देते हैं |
  • इन लोगों का कार्य धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और बाद में पौधे की पूरी पत्ती लुप्त हो जाती है यानी सूख जाती है |
  • रोगी पौधे की ग्रोथ होना रुक जाती है तथा अन्य स्वस्थ पौधों की तुलना में देर से फसल देता है |
  • रोगी पौधे पर फूल और फलियां भी कम आती है, और फलियों का आकार भी कम, टेडी-मेडी होती है, जिसमें दाना भी सही ढंग से नहीं बनता है |
  • पीला मोजेक रोग फसलों में श्वेत मक्खी के द्वारा फैलता है |
  • यदि इस रोग की रोकथाम शुरुआत में नहीं करने पर धीरे-धीरे रोगी पौधे से सुस्त पौधों की और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और पूरी फसल को खराब कर सकता है |
  • 2020 के शुरुआत में उतरी भारत के राज्यों में सोयाबीन में पीला मोज़ेक वायरस बहुत अधिक गति से फैला था, जिसके कारण दलहनी फसलों को 80%तक नुकसान हुआ |

मोज़ेक वायरस को कैसे रोकें?

  • पीला मोजेक की दवा किसान इस रोग के लिए जैविक और रासायनिक कीटनाशक का उपयोग कर सकता है |
  • जैविक कीटनाशक के लिए किसान को नीम पत्तियों का घोल का खेत में हल्का छिड़काव करना है |
  • किसान के खेत में यह रोग ज्यादा प्रभावी हो जाता है, तो किसान को नजदीकी कृषि खाद बीज या कृषि विभाग से सलाह ले कर फसल को रोग मुक्त कराए |
  • इस प्रकार के रोगों से बचाने के लिए बीजों को बुवाई से पहले उपचारित करना चाहिए ( Dimithoate / Imidaclopride ko 5 mili/ kg bij )
पीला मोजेक की दवा
  • खेत की बुवाई करते समय इस फसल के चारों और लगभग एक कतार ज्वार की फसल को देनी चाहिए |
  • खेत में दलहन फसल के आस-पास खरपतवार कम से कम होने दे |
  • फसल में पीला मोजेक के कुछ भी लक्षण दिखाई दे तो उस पौधे को  शुरुआत में ही उखाड़ फेंक देना चाहिए खेत से बाहर या इस पौधे को जला दें |
  • यह रोग श्वेत मक्खी के कारण से ही फैलता है, इसलिए श्वेत मक्की के प्रमुख रोकथाम के लिए भी व्यवस्था करें |
  • Mithail Demeton 25 EC / Dimithoat 30 EC इस दवा का 500 मिली दोष के हिसाब से प्रति हेक्टर में खड़ी फसल पर छिड़काव करें |
  • मुख्यतः किसानों को श्वेत मक्खी की रोकथाम करनी चाहिए और दवा का छिड़काव 7 से 10 दिन के अंतराल में करें |
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मोज़ेक रोग किसके कारण होता है?

श्वेत मक्खी और मिट्टी द्वारा जनित कारकों को इस रोग का जिम्मेदार माना जाता है |

मोजेक रोग किस पौधे में होता है ?

खेती में इस रोग को सर्वाधिक दलहन फसलों में देखा जाता है, जो किसान को लागत और मुनाफे में भारी नुकसान पहुचाता है – उड़द, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, मसूर, चना आदि प्रकार के दलहन फसलों में काफी तेजी से फैलता है |

सोयाबीन, उड़द, मूंग में पीला मोजेक रोग कैसें रोके ?

रोग प्रबंधन के लिए मिट्टी की जाँच कराए, अच्छी और तेज धूप के समय 2 से 3 गहरी जुताई कराए, उपचारित बीजों का प्रयोग करें, कीट रोगों के प्रति समय पर प्रबंधन करना चाहिए |

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