[ गेहूं की अच्छी पैदावार के उपाय 2024 ] अच्छी उपज के टॉप 15 तरीके – गेहूं की उपज कैसे बढ़ाएं प्रति हेक्टेयर

Last Updated on February 14, 2024 by krishisahara

किसान भाइयों कोई भी फसल हो, अच्छा लाभ और उत्पादन कमाने के लिए पहले से सुनियोजित, व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहता है | गेहूं की अच्छी पैदावार के उपायों में खेत की तैयारी से लेकर, बीज चुनाव, जैविक खाद, समय पर जुताई, सिंचाई, खाद-उर्वरक, कीट-रोग से बचाव, फसल-पकाव आदि के अलावा अच्छे बाजार तक ले जाने को मेहनत सफल मानी जाती है |

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गेहूं की अच्छी पैदावार के उपाय

गेहूं की उपज कैसे बढ़ाएं टॉप 15 तरीके ?

  1. गेहूं की उपज बढ़ाने के लिए आपको आपके क्षेत्र की जलवायु दशा के अनुसार अच्छे उन्नत किस्म के गेहूं के बीजों की बुवाई करनी चाहिए |
  2. हर साल एक ही खेत में समान फसल की बुवाई नहीं करनी चाहिए, फसल चक्र अपनाए |
  3. खेत तैयारी से पहले मिट्टी जाँच कराए, उसके बाद जरूरी कारकों की कमी को जुताई के समय दूर करें |
  4. बीज बुआई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है, खेत की कम से कम 2-3 बार जुताई करके समतल करा ले |
  5. गेहूं की बुआई समय पर करें और आपको गेहूं की बुआई सीडड्रिल कृषि मशीन से करना है |
  6. बुवाई के समय ध्यान रखें मिट्टी में नमी सामान्य होना चाहिए, नमी की दर कम या ज्यादा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस स्थति में पूर्ण बीज उगाव नहीं होता है |
  7. बुआई में उपचारित बीजों को ही काम में लने है, घरेलू बीज को बीजोपचार करके ही बुवाई करें, इससे 100 प्रतिशत बीज उगेंगे |
  8. बीज बुवाई के समय क्षेत्र में तापमान कम, यानि तेज धूप में बुवाई ना करें |
  9. गेहूं की उपज बढ़ाने के लिए समय-समय पर सिंचाई करनी होती है |
  10. फसल में हर 15 दिन में खेत से अनावश्यक खरपतवार हटाना और फसल में रोग-कीट की जाँच करते रहना होगा |
  11. गेहूं की फसल में किट और रोगों का नियंत्रण समय रहते कर लेना चाहिए |
  12. गेहूं की फसल में अधिक पैदावार के लिए 2 से 3 बार रसायनिक खाद/उर्वरकों का प्रयोग भी कर सकते है |
  13. गेहूं में पहली सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करती है जिसमें, हल्की मिट्टी में 20 दिनों बाद सिंचाई और भारी काली मिट्टियों में बुआई के 25 दिनों के मध्य करना चाहिए |
  14. फसल में फूल/फलन आते समय और फसल पकाव के समय सिंचाई नहीं करनी चाहिए |
  15. गेहूं फसल में आखिरी पानी/सिंचाई दाना/दूध भरते समय देना चाहिए |

गेहूं की अच्छी पैदावार को प्रभावित करने वाले कारक ?

किसान भाइयों गेहूं की अच्छी पैदावार को प्रभावित करने वाले कई कारण हो सकते है, जैसे खेत की मिट्टी, मौसम-जलवायु, बुवाई का समय, बुवाई का तरीका, बीज का किस्म/प्रकार, जैविक और रसायनिक खाद की मात्रा, सिंचाई का समय और कुल कितनी सिंचाई, खरपतवार प्रबंधन, कीट-रोग का निवारण, कटाई में जल्दी/देरी का समय आदि गेहूं उपज क्षमता को प्रभावित कर सकते है |

यदि आप गेहूं की अच्छी पैदावार चाहते है, तो आपको इसके लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी की जाँच और समुचित उपचार करके, अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार बीज का चुनाव करें |

फसल की समय पर सिंचाई और खरपतवार प्रबंधन, साथ ही समय-समय पर खाद-उर्वरक का भी ध्यान रखना होगा |

गेहूं की खेती में खाद की मात्रा कितनी रखें ?

सबसे अच्छे तरीके में मृदा परीक्षण जाँच के अनुसार खाद-उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए | सामान्य अवस्था में गेहूं की अच्छी उपज के लिए 150 kg नाइट्रोजन, 40 kg पोटाश तथा 60 kg फास्फोरस / हेक्टेयर की दर से प्रयोग कर सकते है |

गेहूं की फसल की जैविक तरीकों में खाद के लिए सड़ी हुई गोबर खाद 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दूसरी बुवाई के समय उपयोग कर लेना है|

गेहूं की फसल खराब होने के कारण ?

गेहूं की फसल खराब होने के कई कारण है जैसे की – अत्यधिक धूप का रहना, अधिक पाला/सर्दी का मौसम बना रहना, फसल के पकाव के दिनों में अधिक वर्षा होना, ज्यादा हवा/आंधी का चलना, अधिक रासायनिक खादों के प्रयोग से, गेहूं में कीट और बीमारियां लगने से गेहूं की फसल खराब देखने को मिलती है |

गेहूं की खेती में उर्वरक प्रबंधन क्या-क्या होना चाहिए ?

गेहूं की फसल में मुख्यतः सिंचाई और मिट्टी में जरूरी खाद का प्रबंधन होना जरूरी माना गया है |

खेत तैयारी के समय जैविक खाद में गोबर की पकी हुई खाद, केचुआ कंपोस्ट खाद, तलाब तल की ऊपरी परत आदि का प्रयोग उत्तम माना गया है | किसान रासायनिक उर्वरकों के सहारे में मिट्टी की पैदावार क्षमता बढ़ा सकते है |

गेहूं में कितनी बार यूरिया डालना चाहिए?

गेहूं की पैदावार अच्छी हो इसके लिए खेत में यूरिया डालना आम बात हो गया, सिंचाई के बाद आपको 100 लीटर पानी में 2 किलो यूरिया के साथ आधा किलो जिंक के घोल का खड़ी फसल पर छिडकांव करना चाहिए| गेहूं की पूरी फसल समय में 2 बार यूरिया का प्रयोग/डाल सकते है, जो 40-45 kg प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते है |

भारत में गेहूँ का उत्पादन एवं वितरण क्या है ?

भारत देश में गेहूं सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश राज्य में अधिक होते है | भारत में औसत पैदावार असिंचित दशा में 35 से 40 कुंटल प्रति हेक्टर और सिंचित दिशा में 55 से 65 कुंटल प्रति हेक्टर पैदावार ली जा सकती है|

गेहूं की पैदावार बुवाई, सिंचाई, खाद और खरपतवार, मौसम आदि पर निर्भर रहती है|

गेहूं की अच्छी पैदावार के उपाय – टॉप गेहूं बीज ?

आज के समय कई प्रकार के टॉप गेहूं बीज आ गए, जो अलग-अलग क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी में अपना बेहतर उपज देने को तैयार है –

  • डीबीडब्ल्यू 187
  • लोक -1
  • WH-147
  • पूसा गेहूं 1620
  • पूसा गौतमी
  • GW 190
  • राज 3077

गेहूं की बढ़वार के लिए क्या करें?

सबसे आसान और महत्वपूर्ण तरीकों में सिचाई समय पर करें, 50 kg प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया खाद का प्रयोग करके गेहूं की अच्छी बढ़वार में असर देख सकते है |

गेहूं की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है ?

विश्व में गेहूं की खेती सबसे ज्यादा की बात करें, तो चीन देश में होती है और विश्व में गेहूं उत्पादन में भारत में तीसरे नंबर पर आता है| इसी और यदि भारत में सबसे ज्यादा गेहूं पैदावार की बात करें तो, उत्तर प्रदेश राज्य में की जाती है|

एक हेक्टेयर में कितना गेहूं बोना चाहिए?

सबसे उन्नत और उत्तम बुवाई के तरीकों में 1 हेक्टर में सामान्यतः 100 से 125 किलोग्राम बीज बोना चाहिए |

गेहूं की पैदावार प्रति हेक्टेयर कितनी ली जा सकती है?

सामान्य देखरेख करें तो, गेहूं की पैदावार 45 से 50 कुंटल प्रति हेक्टेयर ली जा सकती है |

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